बंदियों को कानूनी उपचार की दी जानकारी
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से जिला कारागार में वीडियो कांफ्रेसिग के माध्यम से विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इसमें बंदियों को जेल में कानूनी उपचार प्राप्त करने की जानकारी दी गई। प्राधिकरण सचिव सुमन तिवारी ने बताया कि बंदियों को किसी भी प्रकार की कानूनी सहायता के लिए रामेश्वर दयाल एवं मतीन खान परा विधिक स्वयं सेवक (पीएलवी) से संपर्क करके प्रार्थना पत्र भेज सकते हैं।
बुलंदशहर, जेएनएन। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से जिला कारागार में वीडियो कांफ्रेसिग के माध्यम से विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इसमें बंदियों को जेल में कानूनी उपचार प्राप्त करने की जानकारी दी गई। प्राधिकरण सचिव सुमन तिवारी ने बताया कि बंदियों को किसी भी प्रकार की कानूनी सहायता के लिए रामेश्वर दयाल एवं मतीन खान परा विधिक स्वयं सेवक (पीएलवी) से संपर्क करके प्रार्थना पत्र भेज सकते हैं। 15 बंदियों ने सरकार की ओर से अधिवक्ता उपलब्ध कराने की जानकारी दी। उन्होंने बंदियों को कोविड-19 से बचाव के तरीके, लक्षण आदि के बारे में भी बताया। साथ ही डिप्टी जेलर हरेंद्र राठी को जेल को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सैनिटाइजेशन एवं अन्य बचाव के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने बताया कि जिला न्यायलय परिसर स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में कोरोना महामारी के चलते लोगों की समस्याओं के निवारण के लिए हेल्प डेस्क भी बनाई गई है। जिस पर परा विधिक स्वयं सेवक सोहनपाल सिंह और पिकी भड़ाना को तैनात कर 9720334768, 9045575116 मोबाइल नंबर जारी किए गए हैं। जिले के सभी न्यायालय को शनिवार और शनिवार तक अग्रिम आदेश तक बंद रहने की जानकारी दी। बंदरों ने हमला कर किसान को किया लहूलुहान
पहासू में बंदरों के झुंड ने किसान पर हमला करके उसे लहूलुहान कर दिया। आसपास के खेतों में कार्य कर रहे ग्रामीणों ने बंदरों को भगाया और घायल किसान को अस्पताल पहुंचाया। उधर ग्रामीणों ने बंदरों को पकड़वाने की मांग की है। शुक्रवार दोपहर गांव त्यौरी निवासी किसान सुखपाल अपने खेत पर गया था। इसी दौरान खेत के निकट ही बंदरों का झुंड उनके सामने आ गया। जिन्हें उन्होंने भगाने का प्रयास किया, तो इसी दौरान बंदरों ने उनके ऊपर हमला कर दिया। जिससे वह लहूलुहान हो गया। आसपास के खेतों पर कार्य कर रहे लोगों ने देखा, तो मौके की तरफ दौड़ पड़े। उन्होंने बंदरों को किसी तरह से भगाया। जिसके बाद घायल किसान को स्वजन अस्पताल ले गए। उधर ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांवों में बंदरों का आतंक चरम पर हैं। आए दिन बंदर किसी ना किसी पर हमला कर रहे हैं और इतना ही नहीं छतों पर सूखने वाले कपड़ों को भी लेकर नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने बंदरों को शीघ्र पकड़वाने की मांग प्रशासनिक अधिकारियों से की है।