संक्रमित गर्भवतियों सुरक्षित प्रसव कराकर निभाया फर्ज
जेएनएन बुलंदशहर पिछले साल कोरोना काल में संक्रमण का बढ़ता खतरा लोगों के बीच लगातार दूरियां बढ़ा रहा था। संक्रमित की पहचान होने के बाद लोग आसपास गुजरने से भी बच रहे थे। जबकि कुछ महिला फ्रंट लाइन वर्कर ऐसी भी रहीं जो संक्रमित गर्भवतियों का सुरक्षित प्रसव करातीं रहीं।
जेएनएन: बुलंदशहर : पिछले साल कोरोना काल में संक्रमण का बढ़ता खतरा लोगों के बीच लगातार दूरियां बढ़ा रहा था। संक्रमित की पहचान होने के बाद लोग आसपास गुजरने से भी बच रहे थे। जबकि कुछ महिला फ्रंट लाइन वर्कर ऐसी भी रहीं जो संक्रमित गर्भवतियों का सुरक्षित प्रसव करातीं रहीं। मां और नवजात को संक्रमण की चपेट से बचाने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभातीं रहीं। उनका इस प्रयास को अफसरों ने सराहा। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अफसरों और जनप्रतिनिधियों ने उन्हें सम्मान से भी नवाजा। अब कोरोना के दूसरे चरण में भी वह बिना डरे बिना रुके जिम्मेदारी उठा रहीं है।
राजकीय महिला चिकित्सालय की स्टाफ नर्स लक्ष्मी जैन कोरोना काल में मैदान में डटी रहीं। संक्रमण के खिलाफ जंग लड़तीं रहीं। अस्पताल में पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं की देखभाल में जुटी रहीं। हालांकि कुछ ऐसी गर्भवती महिलाएं जांच में कोरोना संक्रमित भी निकली। जिनकी देखभाल और प्रसव कराने में संक्रमण की चपेट में आने का खतरा बना था। इसे दरकिनारा कर लक्ष्मी ने अपने फर्ज को अहमियत दी और सुरक्षित प्रसव कराकर नवजात को जरूरी सुरक्षा प्रबंध करने की जानकारी देकर स्वजनों को सौंपा। साथ ही संक्रमित गर्भवती से भी मुंह नहीं मोड़ा। उनकी उचित देखभाल और परामर्श देकर हायर सेंटर के लिए रेफर भी कराया। हालांकि दूसरों को बचाने के फेर में खुद भी संक्रमण की चपेट में आई। अस्पताल में उपचाराधीन होकर नियमों का पालन किया और कोरोना को उन्होंने मात देकर फिर से अपना फर्ज निभाने पहुंच गई।
देखभाल और उपचार दिलाने में नहीं बरती कोताही
लक्ष्मी जैन ने बताया कि कोरोना संक्रमित से दूरी बनानी जरूरी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनके उपचार में कोताही बरती जाए। इसलिए जब भी कोई गर्भवती अस्पताल पहुंचीं तो उनका जिम्मेदारी के साथ सुरक्षित प्रसव कराया। जांच रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आने के बाद भी उनकी उचित देखभाल करके अपना फर्ज निभाया।