मौसम रहा अनुकूल तो बंपर होगा फलों का राजा

मौसम के बदले मिजाज से इस बार फलों के राजा आम के पेड़ों पर भरपूर मात्रा में बौर आया है। बागवानों को उम्मीद है कि यदि मौसम और परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो बंपर पैदावार होगी। आम स्याना गुलावठी सिकंदराबाद ऊंचागांव डिबाई बुगरासी और लखावटी क्षेत्र में प्रमुख फसल है और हजारों बागवानों की आर्थिक स्थिति इस पर निर्भर रहती है। बौर से लेकर फल की सेटिंग होने तक आम को कई बीमारियां आंधी और ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाएं भी घेरती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 13 Mar 2021 11:17 PM (IST) Updated:Sat, 13 Mar 2021 11:17 PM (IST)
मौसम रहा अनुकूल तो बंपर होगा फलों का राजा
मौसम रहा अनुकूल तो बंपर होगा फलों का राजा

जेएनएन, बुलंदशहर। मौसम के बदले मिजाज से इस बार फलों के राजा आम के पेड़ों पर भरपूर मात्रा में बौर आया है। बागवानों को उम्मीद है कि यदि मौसम और परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो बंपर पैदावार होगी। आम स्याना, गुलावठी, सिकंदराबाद, ऊंचागांव, डिबाई, बुगरासी और लखावटी क्षेत्र में प्रमुख फसल है और हजारों बागवानों की आर्थिक स्थिति इस पर निर्भर रहती है। बौर से लेकर फल की सेटिंग होने तक आम को कई बीमारियां, आंधी और ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाएं भी घेरती हैं। यदि बागवान बीमारियों जैसे तेला व गुच्छा रोग को रोकने में सफल रहे तो बंपर फसल होगी। चालू सीजन में आम की प्रत्येक टहनियों पर बौर है। आम के अनुकूल मौसम के चलते फंगस, हापर और थ्रीप्ट आदि कीट का प्रकोप भी नहीं है। ऐसे में इस बार बंपर फसल होगी।

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क्या है तेला व गुच्छा रोग

आम के बौर में कुछ जगह गुच्छे बन जाते हैं। यदि इनका समय रहते उपचार न किया जाए तो बौर बेकार हो जाता है। गर्म मौसम में बौर पर एक कीट हमला करता है। यह कीट पेड़, पत्तों और बौर को चूसकर तेलनुमा पदार्थ निकाल देता है। इससे फल कमजोर होकर आकार नहीं ले पाता है।

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क्या कहते हैं बागवां

स्याना फल पट्टी क्षेत्र के आम की फसल के किसान केदार नाथ त्यागी ने बताया कि क्षेत्र के बागवानों की प्रमुख फसल है और इस पर ही आर्थिक स्थिति निर्भर रहती है। आफ ईयर होने के बावजूद पेड़ों पर बौर काफी मात्रा में आया है। अभी इसे कई रोगों और प्राकृतिक आपदाओं से गुजरना होगा। हालांकि इस बार कोई रोग बागों में नहीं आया है। लखनऊ क्षेत्र में हापर यानि टिड्डी आने की सूचना हैं लेकिन जनपद में अभी तक बोर निरोग है। यदि मई माह में आंधी तूफान नहीं आया तो इस बार बंपर पैदावार होगी।

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इन्होंने कहा..

बौर आने की प्रक्रिया जारी है। बागवानों को तेला कीट के हमले और गुच्छा रोग से सावधान रहना होगा। तेला कीट के हमले से बचाव के लिए बागवान इमिडाक्लोपरीड दवा का एक लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। गुच्छा रोग से बचाव के लिए एक लीटर पानी में 20 ग्राम हैग्जाकोनाजोल दवा का घोल बनाकर स्प्रे करें।

-अमर पाल सिंह

कृषि रक्षा अधिकारी।

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