जलभराव से हादसा हुआ तो कार्यदायी संस्था के खिलाफ होगी कार्रवाई
जेएनएन बुलंदशहर शहर में अमृत योजना के तहत चल रहे सीवरलाइन कार्य का सोमवार को डीएम रविन्द्र कुमार प्रगति का जायजा लिया। सीवरलाइन बिछाने के बाद सड़क नहीं बनाने पर कार्यदायी संस्था को कार्रवाई की चेतावनी दी।
जेएनएन, बुलंदशहर : शहर में अमृत योजना के तहत चल रहे सीवरलाइन कार्य का सोमवार को डीएम रविन्द्र कुमार प्रगति का जायजा लिया। सीवरलाइन बिछाने के बाद सड़क नहीं बनाने पर कार्यदायी संस्था को कार्रवाई की चेतावनी दी।
डीएम ने नुमाइश फ्लाई ओवर से भूड़ चौराहा, चांदपुर तिराहे से तहसील सदर रोड, चांदपुर रोड एवं धमैड़ा अड्डा पर ईएमएस इन्फ्रा द्वारा कराए गए का निरीक्षण किया। सीवर लइन डालने के काफी समय बाद भी सड़क तथा अन्य कार्य नहीं करने पर संस्था प्रतिनिधि से कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सड़कों की मरम्मत न होने पर बरसात में जलभराव के कारण किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर संबंधित कार्यदायी संस्था को उत्तरदायी मानते हुए उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। नगर के जिन-जिन क्षेत्रों में संबंधित कार्यदायी संस्था द्वारा सीवर लाइन डालने का कार्य किया गया हैं। वहां की सड़कों को समयबद्धता के साथ बनाया जाएं। डीएम ने डिप्टी कलक्टर को कार्यदायी संस्था द्वारा सड़कों की मरम्मत कार्यो का भौतिक सत्यापन कर प्रतिदिन रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। इस दौरान जल निगम तथा कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि व अन्य अफसर मौजूद रहे।
राजकीय विद्यालयों को गिरा रिजल्ट, नहीं निकला कोई मेधावी
बुलंदशहर: पिछले साल यूपी बोर्ड के हाईस्कूल के नतीजों में नगर क्षेत्र के राजकीय विद्यालय के छात्र ने नाम रोशन किया, लेकिन इस बार जिले की सभी तहसील क्षेत्र में स्थित 48 राजकीय विद्यालय को कोई छात्र ऐसा मेधावी नहीं निकला। इससे राजकीय स्कूल अपनी शाख इस बार परीक्षा परिणाम में बचाने में नाकाम रहे। जबकि सहायता प्राप्त और वित्त विहीन विद्यालयों के मेधावी आगे रहे हैं। जिस पर डीआइओएस के माथे पर भी चिता की लकीरें उभर आई है और उन्होंने समीक्षा करने के लिए राजकीय विद्यालयों से बोर्ड परीक्षा परिणाम मांगा है।
यूपी बोर्ड ने शनिवार को हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम जारी किया। इसमें वित्त विहीन विद्यालयों के विद्यार्थियों का परिणाम बेहतर रहा है। हालांकि बेटियों का जलवा इस बार भी कायम रहा है। जबकि पिछली बार नगर के जीजीआइसी की छात्रा गीतांजलि ने हाईस्कूल में जिला टापर रही। जबकि कोई भी राजकीय स्कूल इस बार टापर्स की सूची में ऐसा नहीं रहा। जहां से मेधावियों ने परचम लहराया हो। बताया जा रहा है कि कोरोना काल में परीक्षा रद होने के बाद भी विद्यालयों की ओर से विद्यार्थियों को बेहतर अंक नहीं मिले। जिससे राजकीय विद्यालय के विद्यार्थी मेधावियों की सूची में आने से पिछड़ गए। यह देख अब माध्यमिक शिक्षा विभाग राजकीय विद्यालयों के रिजल्ट की समीक्षा में जुटा है। सभी राजकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों से डीआइओएस ने यूपी बोर्ड की परीक्षाओंका रिजल्ट तलब किया है। समीक्षा के बाद यह रिपोर्ट शासन को भी भेजने की बात कही जा रही है। इन्होंने कहा.
जिले के सभी राजकीय विद्यालयों के परीक्षा परिणाम की समीक्षा की जाएगी। इसके लिए सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को यूपी बोर्ड का परीक्षा परिणाम उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
-शिवकुमार ओझा, डीआइओएस