किसी का नाम गलत तो किसी को नहीं मिला नियुक्ति पत्र

नव चयनित प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों में किसी का नाम किसी के सरनेम तो किसी के पते में गलती मिल रही है। वहीं कुछ को पंजीकृत डाक से भेजे गए नियुक्ति पत्र प्राप्त नहीं हो सके हैं। ऐसे में उन्हें विभागीय लापरवाही का खामियाजा उठाना पड़ रहा है। शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन कराने के लिए एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय के चक्कर लगाने को मजूबर होना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 11:01 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 11:01 PM (IST)
किसी का नाम गलत तो किसी को नहीं मिला नियुक्ति पत्र
किसी का नाम गलत तो किसी को नहीं मिला नियुक्ति पत्र

बुलंदशहर, जागरण संवाददाता। नव चयनित प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों में किसी का नाम, किसी के सरनेम तो किसी के पते में गलती मिल रही है। वहीं, कुछ को पंजीकृत डाक से भेजे गए नियुक्ति पत्र प्राप्त नहीं हो सके हैं। ऐसे में उन्हें विभागीय लापरवाही का खामियाजा उठाना पड़ रहा है। शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन कराने के लिए एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय के चक्कर लगाने को मजूबर होना पड़ रहा है।

दरअसल, उप्र सेवा चयन बोर्ड की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद जिले में 600 से अधिक अभ्यर्थियों का चयन टीजीटी-पीजीटी पद पर हुआ है। जिन्हें माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जिले के विद्यालयों में रिक्त पदों पर नियुक्त किया है। इन नव चयनित शिक्षकों को विद्यालय आवंटित कर संबंधित विद्यालय में कार्यभार ग्रहण कराने के लिए भी प्रबंध समितियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। जिनमें स्वीकृत पद से अधिक पदों पर कार्यभार ग्रहण न कराने, इनके शैक्षणिक, योग्यता, अनुभव एवं स्वास्थ्य प्रमाण पत्र कार्यालय में जमा कराकर जांच कराने के निर्देश दिए गए थे। अब शासन ने इन्हें तैनाती देने से पहले शैक्षणिक दस्तावेजों का सत्यापन कराने के निर्देश माध्यमिक शिक्षा विभाग को दिए।

25 नंवबर तक होना है शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जीआइसी में शैक्षिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए व्यवस्था कराई है। 25 नंवबर तक का नवचयनित इन शिक्षकों को सत्यापन प्रक्रिया में हिस्सा लेने का समय दिया गया है। ऐसे में रोजाना यह नवचयनित शिक्षक जीआइसी पहुंचकर अपने प्रमाण पत्रों को चेक करा रहे हैं। बुधवार को सत्यापन प्रक्रिया के दौरान कुछ ऐसे भी शिक्षक व शिक्षिकाएं नजर आए, जो विभागीय लापरवाही का शिकार रहे। जिन्होंने कार्यालय पहुंचकर नाम, आदि में व्याकरण संबंधी गलती को सुधारने की गुहार लगाई। कुछ ने नियुक्ति पत्र नहीं पहुंचने पर सत्यापन प्रक्रिया में शामिल नहीं करने की बात कही। उनकी समस्याओं को दर्ज कर समाधान कराया गया।

इन्होंने कहा..

शासन के निर्देश पर नव चयनित टीजीटी-पीजीटी के प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया जा रहा है। यदि किसी के नाम आदि में कोई व्याकरण संबंधी अशुद्धि है और किसी को समय पर नियुक्ति पत्र नहीं मिला है तो इस आधार पर उनकी सत्यापन प्रक्रिया रोकी नहीं जा रही है। उनसे प्रार्थना पत्र लेकर प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जा रहा है।

--शिव कुमार ओझा, डीआइओएस

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