सिस्टम की लापरवाही से खंडहर हुए घर..ताकते रहे बेघर

प्रदेश सरकार ने एक दशक पहले गरीब बेघरों को आशियाना मुहैया कराने के लिए बुलंदशहर नगर व औरंगाबाद में काशीराम आवास योजना के तहत फ्लैट्स का निर्माण कराया था। एक दशक बीतने के बाद भी इन आवासों का आवंटन नहीं हो पाया है। आवंटन नहीं होने के कारण आवास खंडहर बने पड़े हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 11:42 PM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 06:05 AM (IST)
सिस्टम की लापरवाही से खंडहर हुए घर..ताकते रहे बेघर
सिस्टम की लापरवाही से खंडहर हुए घर..ताकते रहे बेघर

जासं, बुलंदशहर: प्रदेश सरकार ने एक दशक पहले गरीब बेघरों को आशियाना मुहैया कराने के लिए बुलंदशहर नगर व औरंगाबाद में काशीराम आवास योजना के तहत फ्लैट्स का निर्माण कराया था। एक दशक बीतने के बाद भी इन आवासों का आवंटन नहीं हो पाया है। आवंटन नहीं होने के कारण आवास खंडहर बने पड़े हैं।

प्रदेश सरकार ने बुलंदशहर विकास प्राधिकरण ने में वर्ष-2008-09 में काशीराम आवास योजना के तहत नगर में नई तहसील के पास 400 व औरंगाबाद में 100 फ्लैटों का निर्माण कराया था। साढ़े तेरह करोड़ रुपये की धनराशि से इन फ्लेटों का निर्माण कराया गया था। इनको गरीबों को निश्शुल्क आवंटित करना था। सिस्टम की उदासीनता के कारण आज तक भी इन आवासीय फ्लैट्स का आवंटन नहीं हो पाया है।

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बीडीए दो करोड़ रुपये से खंडहर हुए फ्लैटों की कराएगा मरम्मत

तत्कालीन अधिकारियों की लापरवाही से खंडहर हो चुके इन आवासों की मरम्मत कराने में बीडीए दो करोड़ रुपये खर्च करेगा। फ्लैट्स के तैयार होने के बाद आवंटन नहीं के एक करोड़ 62 लाख रुपये शासन को वापस हो गया था। शासन ने प्रति फ्लेट दो लाख 70 हजार रुपये के हिसाब से 500 फ्लैटों के निर्माण के लिए धनराशि बीडीए को भेजी थी। लेकिन फ्लैट्स के तैयार होने के बाद आवंटन नहीं के चलते एक करोड़ 62 लाख रुपये शासन को वापस हो गया था।

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इंतजार में बीता एक दशक

ज्ञान लोक कालोनी में किराए पर मकान लेकर रह रही धर्मवती पत्नी लक्ष्मण ने बताया कि उनको आज तक सरकार की तरफ कोई से कोई आवास नहीं मिल पाया है। नई तहसील के समीप दस साल पहले सरकार ने आवासीय फ्लैट बनाए थे, लेकिन उनको अभी तक आवंटन नहीं हो पाया है।

------ मंजू पत्नी गिरराज सिंह ने बताया कि वह गिरधारी नगर में किराए के मकान में रहती है। काशीराम आवास बनने से उनको अपना आशियाना मिलने की आश जगी थी। आवासों का आज तक भी आवंटन नहीं होने के कारण उनको किराए के मकान में रहने को विवश होना पड़ रहा है। यहां करें आवेदन

काशीराम आवासीय फ्लैटों के आवेदन करने के लिए आप डीएम दफ्तर पर पहुंच कर एक लिखित प्रार्थना पत्र देकर अपना आवेदन कर सकते है। आवेदन के साथ आधार कार्ड तथा वोटर कार्ड लगाना अनिवार्य है। जिला प्रशासन आपका आवेदन लेकर सत्यापन कराने के बाद आपको फ्लैट आवंटित करेगा।

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फ्लैट आवंटन के लिए ये है पात्रता

फ्लैट आवंटन के लिए आवेदक नगर सीमा में निवास कर रहा हो। उसके पास बीपीएल या अंत्योदय कार्ड होना चाहिए। आवेदक के परिजन के पास कोई पक्का मकान नहीं होना चाहिए। आवेदक के पास 30 वर्ग मीटर से अधिक आवासीय जमीन नहीं होने चाहिए साथ उसके पास कृषि भूमि भी नहीं होनी चाहिए।

इन्होंने कहा..

सरकार ने 500 काशीराम फ्लैट बनाने के लिए धनराशि जारी की थी। जिनके निर्माण की जिम्मेदारी बीडीए को दी गई थी। जिला प्रशासन को फ्लैटों का आवंटन करना था। खंडहर हो चुके फ्लैटों को आवंटित होते ही एक माह में तैयार करा दिया जाएगा। मरम्मत तथा अन्य कार्य कराने के लिए धनराशि की पर्याप्त व्यवस्था है

- मोहम्मद शफकत, कमाल उपाध्यक्ष बीडीए।

कांशीराम आवासीय फ्लैटों के आवंटन के लिए आवेदन लेने शुरू कर दिए है। अभी तक केवल दो सौ लोगों ने ही आवास आवंटन के आवेदन किया है। आवेदनों को सत्यापन के लिए टीम बना दी गई है। सत्यापन होने के तुरंत बाद जल्द ही आवास पात्र लाभार्थियों को आवंटित कर दिया जाएगा

- रवींद्र कुमार, एडीएम प्रशासन

इन्फो..

- 13.5 करोड़ की लागत से बनाया गया है फ्लैट

- 500 फ्लैटों की संख्या है कुल

- 200 लोगों ने ही किया है अभी आवेदन

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