ग्रुप गठन कर आत्मनिर्भर बनेगी आधी आबादी
जनपद में महिलाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए मिशन गंभीरता से काम कर रहा है। लाकडाउन के बाद महिलाओं को ग्रुप गठन करने का रोजगार दिया जाएगा। इससे जहां महिलाओं को रोजगार का नया अवसर मिलेगा वहीं गठन से होने वाली आय से महिला स्वावलंबी और आत्म निर्भर बनेंगी।
जेएनएन, बुलंदशहर। जनपद में महिलाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए मिशन गंभीरता से काम कर रहा है। लाकडाउन के बाद महिलाओं को ग्रुप गठन करने का रोजगार दिया जाएगा। इससे जहां महिलाओं को रोजगार का नया अवसर मिलेगा वहीं, गठन से होने वाली आय से महिला स्वावलंबी और आत्म निर्भर बनेंगी।
प्रदेश सरकार महिलाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए गंभीरता के साथ काम कर रही है। सरकार की गंभीरता धरातल पर आकार लेकर महिलाओं को आत्म निर्भर बना रही हैं। पिछले साल जनपद के इंटेंसिव जिलों में शामिल होने के बाद फाइल में दबे पड़े स्वयं सहायता समूह को संजीवनी मिलनी शुरू हो गई है। जिले में तेजी के साथ महिलाओं को रोजगार देकर आत्म निर्भर बनाया जा रहा है। समूह की बेटियां को अब आइसीआरपी बनाया जाएगा। आइसीआरपी (आंतरिक सामुदायिक संसाधन व्यक्ति) को गांव-गांव जाकर समूह गठन की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके लिए उनको धनराशि भी प्रदान की जाएगी। समूह गठन के काम से महिलाओं को आय के लिए नया जरिया मिलेगा और उनकी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
400 रुपये मिलेगा मेहनताना
आइसीआरपी को अपने ब्लाक में समूह गठन की एवज में 300 रुपये व गैर ब्लाक में 400 रुपये तथा गैर जनपद में 500 रुपये मेहताना दिया जाएगा।
आइसीआरपी की बनेंगी 64 टीम
मिशन पांच ब्लाक से आइसीआरपी की 64 टीम बनाएगा। एक टीम में पांच महिलाओं को शामिल किया जाना है। आइसीआरपी बनने के लिए महिला का समूह का सदस्य होना अनिवार्य है।
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इन्होंने कहा..
आइसीआरपी को जिले में प्रतिदिन 400 रुपये तथा गैर जिलों में 500 रुपये का मेहनताना दिया जाएगा।
- शैलेष यादव, जिला प्रबंधक आजीविका मिशन
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जिले में समूह गठन के लिए बाहरी जनपदों से आइसीआरपी की टीम बुलानी पड़ती है। जिले में आइसीआरपी चयन कर लिया गया है। लाकडाउन खुलने के बाद काम शुरू कराया जाएगा।
- केएन पांडेय, उपायुक्त स्वत: रोजगार