कर्तव्य और समर्पण से जिले का मान बढ़ा रहीं विद्युत सखियां

जेएनएन बुलंदशहर समर्पण और कर्तव्य के प्रति समर्पित होकर महिलाएं प्रदेशभर में अपना और जिले का मान बढ़ा रही हैं। बिजली बिल वसूली में जनपद की महिलाओं ने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त कर साबित कर दिया है कि स्वरोजगार हो या कोई अन्य काम वे किसी मोर्चे पर पुरुषों से पीछे नहीं हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 10:38 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 10:38 PM (IST)
कर्तव्य और समर्पण से जिले का मान बढ़ा रहीं विद्युत सखियां
कर्तव्य और समर्पण से जिले का मान बढ़ा रहीं विद्युत सखियां

जेएनएन, बुलंदशहर

समर्पण और कर्तव्य के प्रति समर्पित होकर महिलाएं प्रदेशभर में अपना और जिले का मान बढ़ा रही हैं। बिजली बिल वसूली में जनपद की महिलाओं ने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त कर साबित कर दिया है कि स्वरोजगार हो या कोई अन्य काम, वे किसी मोर्चे पर पुरुषों से पीछे नहीं हैं।

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह की महिलाएं स्वरोजगार के साथ-साथ बिजली बिल वसूली के काम में भी बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। मिशन की बिजली सखी स्वयं स्वावलंबी बनने के साथ ही ऊर्जा निगम की राजस्व वसूली में विभाग या कामन सर्विस सेटर से पीछे नहीं हैं।

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने मंगलवार को बिजली बिल वसूली की रैंकिग जारी की है। इसके मुताबिक मिशन की 153 विद्युत सखियों ने 18864 विद्युत कनेक्शन धारकों से दो करोड़, 82 लाख 40 हजार 140 रुपये राजस्व की वसूली कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। रैंकिग में पहले भी एक बार जनपद पूरे प्रदेश में पहले स्थान पर रहा है।

.. खराब प्रदर्शन करने वाले जिले

हापुड़, गाजियाबाद, गौतबुद्धनगर, मेरठ, अमेठी, श्रीवास्ती, कानपुर देहात, बलरामपुर, झांसी, कांसगंज गोंडा , हाथरस, संभल, प्रतापगढ़, एटा, सुल्तानपुर , खीरी, राय बरेली समेत अन्य जनपदों की स्थिति बेहद खराब रही है।

..

वसूली में टाप पांच जिले

जनपद - प्रदेश में स्थान - बिजली बिली वसूली धनराशि

बुलंदशहर - पहला - 28745048

फतेहपुर - दूसरा - 28077339

आजमगढ़ - तीसरा - 24430891

इटावा - चौथा - 20925006

अलीगढ़ - पांचवां - 19453912

.....................................

बिजली बिल वसूली में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा जारी रैंकिग में जनपद ने पहला स्थान प्राप्त किया है। जनपद इससे पहले भी पहले पायदान पर रह चुका है।

- केएन पांडेय, उपायुक्त स्वत: रोजगार

chat bot
आपका साथी