कलयुग में जीवों का उद्धार करने आये थे गुरुनानक देव : तेजेंद्र सिंह

स्याना नगर स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु नानक में सिखों के पहले गुरु श्री गुरु नानक का प्रकाश पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 11:32 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 11:32 PM (IST)
कलयुग में जीवों का उद्धार करने आये थे गुरुनानक देव : तेजेंद्र सिंह
कलयुग में जीवों का उद्धार करने आये थे गुरुनानक देव : तेजेंद्र सिंह

जेएनएन, बुलंदशहर। स्याना नगर स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु नानक में सिखों के पहले गुरु श्री गुरु नानक का प्रकाश पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया।

सोमवार को गुरुद्वारा परिसर में ज्ञानी हरविद्र सिंह व तेजेंद्र सिंह द्वारा गुरुवाणी का पाठ व कीर्तन आयोजित किया गया। जिसमें संगतों ने गुरुवाणी व कीर्तन सुनकर धर्म लाभ उठाया। तेजेंद्र सिंह ने गुरुनानक के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गुरुनानक जी का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित राय-भोई-दी-तलवंडी में मेहता कल्याण दास के घर हुआ था। इस दौरान उन्होंने बताया कि कलयुग में जीवों के उद्धार के लिये श्री गुरुनानक जी का जन्म हुआ था। उन्होंने सारे जग का चक्कर लगा कर लोगों को शांति पाठ पढ़ाया। प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा साहिब को फूलों से सजाया गया। देर शाम तक लंगर में भोजन, मिष्ठान व प्रसाद वितरित किया गया। संगत ने कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु शारीरिक दूरी बनाकर लंगर में प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान सरदार कुलवंत सिंह, खेम सिंह, परमजीत सिंह, काले, बलजीत, गुरप्रीत सिंह, गोलू, जसवंत कौर, सुरजीत कौर, रविद्र, हरजीत व जसमीत कौर आदि मौजूद रहे।

कार्तिक पूर्णिमा पर महिलाओं ने घरों में की तुलसी की पूजा

दानपुर क्षेत्र में सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा देव दीपावली पर्व धूमधाम से मनाया गया। सुबह को महिलाओं ने घरों में दीप जलाकर अंतिम दिन की पूजा की। महिलाओं की यह पूजा पिछले एक माह से चल रही थी। महिलाएं रोजाना भजनों के माध्यम से तुलसी की परिक्रमा करती थी।

सोमवार को पूजा के बाद महिलाओं ने कन्याओं को भोजन कराया। साथ ही उन्हें तिलक करते हुए दक्षिणा देकर विदा किया। कुछ महिलाओं ने गंगातट पर पहुंचकर स्नान के बाद पूजा की। जबकि कुछ महिलाएं रोक के चलते गंगा तटों पर नहीं जा पाई। उन्होंने घर पर ही पूजा की। महिलाओं ने बताया कि इस माह में रोजाना स्नान के बाद तुलसी की पूजा करने से विशेष पुण्य मिलता है। इसी के साथ महिलाओं की एक माह से चल रही पूजा समाप्त हो गई।

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