गंगा का जलस्तर बढ़ा, सड़कों पर आया पानी

पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश के चलते गंगा ने विकराल रूप लेना शुरू कर दिया है नगर के अधिकांश घाट जलमग्न हो गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Aug 2019 11:22 PM (IST) Updated:Mon, 05 Aug 2019 11:22 PM (IST)
गंगा का जलस्तर बढ़ा, सड़कों पर आया पानी
गंगा का जलस्तर बढ़ा, सड़कों पर आया पानी

बुलंदशहर, जेएनएन। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश के चलते गंगा ने विकराल रूप लेना शुरू कर दिया है, नगर के अधिकांश घाट जलमग्न हो गए हैं। स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को गंगा तट पर बैठकर स्नान करना पड़ रहा है।

रविवार रात में गंगा जल दो फुट से अधिक बढ़ जाने के बाद नगर में सावधानी बरतने की स्थिति पैदा हो गई है। गंगाद्वार मोहल्ला में मुख्य सड़क पर दस फुट आबादी क्षेत्र में पानी घुस आया है। किसी भी घाट पर स्नान करने के लिए भी श्रद्धालुओं को पानी के बीच से होकर जाना पड़ रहा है। जाह्नवी प्लेट फार्म पर डेढ़ फुट से अधिक पानी है। इसके चलते प्लेट फार्म पर दुकानदारों को अपनी दुकानें हटानी पड़ गई है। इसी स्थान पर सांयकालीन गंगा आरती होती है, किंतु पानी बढ़ने के कारण आरती करने का स्थान वहां से हटाना पड़ गया है। हर साल प्रभावित होते हैं कई गांव

अनूपशहर तहसील क्षेत्र के एक दर्जन गांव गंगा तट पर बसे होने के कारण प्रतिवर्ष बाढ़ आने पर प्रभावित होते है। इसमें अहार, दरबार बांगर, मोहम्मदपुर, मारगपुर, कल्यानपुर, हसनपुर, सिरौरा, तोरई, बच्चीखेड़ा, जाफराबाद खादर, अनूपशहर नगर, शेरपुर, फतेहपुर बांगर, रूढ़ बांगर आदि गांव शामिल हैं। अधिकांश गांवों के जंगल में गंगा का पानी आने से ग्रामीणों को पशुओं का चारा काटने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ मक्का, ज्वार, बाजरे की फसलों में पानी भर जाने से वे फसलें एक दो दिन में गलने लगेगी। प्रशासन द्वारा बाढ़ से निपटने को तैयारी का दावा

गंगा में बाढ़ की स्थिति पैदा होने के बाद एसडीएम सुरेश कुमार सोनी व तहसीलदार शिव औतार ने स्थिति का अवलोकन कर बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए तहसील परिसर में बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर दी गई है। इसमें 24 घंटे कर्मचारी की तैनाती रहेगी। एसडीएम ने कार्ययोजना के अनुसार एक बाढ़ चौकी अहार में तथा दूसरी चौकी अनूपशहर में स्थापित कराई है। अहार बाढ़ चौकी का प्रभारी राजस्व निरीक्षक तथा अनूपशहर चौकी का प्रभारी भी राजस्व निरीक्षक को बनाया गया है। बाढ़ के दौरान राहत देने के लिए एक मोटरवोट तथा 11 नावों को तैयार किया गया है। प्रत्येक गांव के लेखपाल को निगरानी के साथ संपर्क का निर्देश भी दिया गया है।

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