गंगा का जलस्तर बढ़ा, फसल जलमग्न

गंगा के जल स्तर में वृद्धि होने से किनारे बसे गांवों की खेती जलमग्न होना शुरू हो गई। ऊंचागांव आहार रामघाट आदि क्षेत्रों में कटान के साथ खेतों में गंगा का पानी भरना शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Aug 2019 10:50 PM (IST) Updated:Mon, 19 Aug 2019 10:50 PM (IST)
गंगा का जलस्तर बढ़ा, फसल जलमग्न
गंगा का जलस्तर बढ़ा, फसल जलमग्न

बुलंदशहर, जेएनएन। गंगा के जल स्तर में वृद्धि होने से किनारे बसे गांवों की खेती जलमग्न होना शुरू हो गई। ऊंचागांव, आहार, रामघाट आदि क्षेत्रों में कटान के साथ खेतों में गंगा का पानी भरना शुरू हो गया है। किसान अपनी फसल को लेकर चितित है, साथ ही मुआवजे की मांग भी कर रहे हैं।

ऊंचागांव के गांव माली की मडैयां, थाना गजरौला, चासी रसूलपुर, फतेहपुर की मडैयां आदि गांव के किसानों की फसल गंगा जल से जलमग्न होना शुरू हो गई है। खेतों में कई फीट तक पानी भरना शुरू हो गया है। फसल में लगातार पानी भरे रहने के कारण सैकड़ों बीघा चारे, मक्का, ईख, करेला, लोकी, और टमाटर, की फसल बर्बादी के कगार पर पहुंच चुकी है। जबकि लगातार कटान होने से सैकड़ों बीघा खेत गंगा में समा चुके हैं। जिसके कारण दर्जनों किसान भूमिहीन हो गए हैं। जिससे किसानों को रोजी रोटी के लिए मजदूरी करने के लिए विवश होना पड़ रहा है। कटान में समाई जमीन

गांव माली की मडैयां थाना गजरौला निवासी किसान मामचंद, हरिराज, रमेश, विजेन्द्र, पप्पू, राकेश, गोपाल सहित सैकड़ों किसान की गंगा किनारे हजारों बीघा जमीन थी। पिछले कई साल से लगातार गंगा के कटान के चलते उनकी जमीन गंगा के आगोश में समा चुकी है। जिसके कारण वह भूमिहीन होने के कगार पर हैं। इनकी डूबी हुई है फसल

गांव चासी रसूलपुर और मडैयां माली, फतेहपुर की मडैया आदि करीब एक दर्जन गांवों की फसल गंगा में चल रही बाढ़ की चपेट आने से पूरी तरह से जलमग्न हैं। किसानों का कहना है कि अधिक समय से फसल जलमग्न होने के कारण गलना शुरू हो जाएगी।

पक्की सड़क भी गंगा में समाई

गंगा में लगातार बढ़ रहे जलस्तर और कटान से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। साथ ही गांव माली की मडैयां में खेतों व घाट के लिए जाने वाली आधा किलोमीटर पक्की सड़क भी कटान के चलते गंगा के आगोश में समा गई है। लगातार बढ़ रहे कटान को लेकर ग्रामीण चितित हैं।

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