गंगा का पानी ठहरा, पशुओं के लिए चारे का संकट

बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद गंगा में आई भारी बाढ़ का पानी दो दिनों से पूरी तरह ठहर गया है। जिसके कारण गंगा किनारे रहने वालों की सांसें अटकी हुई है। प्रशासन द्वारा लेखपालों को सतर्क रहने का निर्देश दिए जाने के बाद प्रत्येक घंटे की की स्थिति पर निगरानी की जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 10:06 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 10:06 PM (IST)
गंगा का पानी ठहरा, पशुओं के लिए चारे का संकट
गंगा का पानी ठहरा, पशुओं के लिए चारे का संकट

जेएनएन, बुलंदशहर। बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद गंगा में आई भारी बाढ़ का पानी दो दिनों से पूरी तरह ठहर गया है। जिसके कारण गंगा किनारे रहने वालों की सांसें अटकी हुई है। प्रशासन द्वारा लेखपालों को सतर्क रहने का निर्देश दिए जाने के बाद प्रत्येक घंटे की की स्थिति पर निगरानी की जा रही है।

पांच दिन पूर्व बिजनौर बैराज से तीन लाख 92 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद अनूपशहर के समस्त घाटों तक पानी पहुंच गया था। मंगलवार को गंगा जल की स्थिति पूरी तरह ठहरी रही। गंगा के मध्य निकला बालू का विशाल टापू पूरी तरह जल मग्न हो गया है। नगर के गंगा द्वार व जाहन्वी प्लेट फार्म पर मुख्य सड़क तक जल काफी अंदर आ जाने से जाहन्वी प्लेट फार्म पर शाम को होने वाली गंगा आरती पीछे हटकर करनी पड़ रही है। गंगा घाटों पर अनेक नावें खड़ी कर दी गई है, जिससे किसी भी अप्रिय घटना को तत्काल रोका जा सके। दूसरी ओर प्रशासन द्वारा गंगा किनारे बसें सभी गांवों में लेखपालों के माध्यम से ग्रामीणों को सचेत करने के साथ प्रत्येक घंटे की स्थिति की रिपोर्ट तलब की जा रही है। गंगा किनारे बसे गांव अहार, मोहम्मदपुर, हसनपुर, सिरौरा, तोरई, बच्चीखेड़ा, शेरपुर रूढ़ आदि में किसानों को पशुओं चारे की समस्या आने लगी है। सम्भावना प्रकट की जा रही है, कि आने वाले दिनों में बैराज से और पानी छोड़ा जा सकता है, जिससे बाढ़ बढ़ सकती है। काफी समय से गंगा की धारा नगर के घाट से दूर हो गई थी कितु अब निकट आ जाने से श्रद्धालुओं को प्रसन्नता है।

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