पुलिस की मौजूदगी के बीच गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार
खुर्जा नगर में बकरी चराने गई दो मौसेरी बहन और एक किशोर की रेलवे विद्युत लाइन के लिए रखे गए पोलों के नीचे दबने से मौत हो गई थी। बुधवार को पोस्टमार्टम होने के बाद एक बची का शव गांव अगौरा व किशोर और दूसरी बची का शव गांव शराबा दूदूपुर पहुंचा तो स्वजन बिलख उठे। वहीं तीनों का पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। वहीं एसडीएम कार्यालय में मृतक के स्वजन और डीएफसीसी के अधिकारियों के बीच वार्ता की गई। जहां पीड़ित स्वजनों को आर्थिक मदद का आश्वासन दिया गया।
बुलंदशहर, जेएनएन। खुर्जा नगर में बकरी चराने गई दो मौसेरी बहन और एक किशोर की रेलवे विद्युत लाइन के लिए रखे गए पोलों के नीचे दबने से मौत हो गई थी। बुधवार को पोस्टमार्टम होने के बाद एक बच्ची का शव गांव अगौरा व किशोर और दूसरी बच्ची का शव गांव शराबा दूदूपुर पहुंचा, तो स्वजन बिलख उठे। वहीं तीनों का पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। वहीं एसडीएम कार्यालय में मृतक के स्वजन और डीएफसीसी के अधिकारियों के बीच वार्ता की गई। जहां पीड़ित स्वजनों को आर्थिक मदद का आश्वासन दिया गया।
मंगलवार को क्षेत्र के गांव सराबा दूदूपुर निवासी अजय (14) पुत्र विनोद, सूफिया (8) पुत्री बबलू और अलीशा (11) पुत्री शहजाद बकरी चराने के लिए गए थे। जहां गांव दोषपुर स्थित अंडरपास के निकट रेलवे की विद्युत लाइन के लिए पोल के चट्टे रखे हुए थे। जहां बच्चे आराम करने के लिए बैठ गए थे। इसी दौरान विद्युत पोल लुढ़ककर बच्चों के ऊपर गिर पड़े थे। जिनके नीचे दबकर तीनों बच्चों की मौत हो गई। देर शाम तक स्वजन घर नहीं पहुंचे, तो स्वजन उनकी तलाश में मौके पर पहुंच गए थे। जहां तीनों के शव उनको पोलों के नीचे दबे हुए मिले थे। एसडीएम, सीओ आदि अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। अब बुधवार को पोस्टमार्टम होने के बाद अजय व सूफिया का शव गांव सराबा दूदूपुर और अलीशा का शव गांव अगौरा पहुंचा, तो स्वजन बिलख उठे। गमगीन माहौल में दोनों बच्चियों के शवों को सुपुर्द-ए-खाक और किशोर का अंतिम संस्कार किया गया। दोनों गांवों में एहतियात के तौर पर पुलिस फोर्स भी तैनात रही।
स्वजन से डीएफसीसी के अधिकारियों ने की वार्ता
बुधवार दोपहर बाद डीएफसीसी (डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर) के अधिकारी और मृतक के स्वजन तहसील पहुंचे। जहां एसडीएम कार्यालय में स्वजनों और अधिकारियों की वार्ता हुई। इस दौरान डीएफसीसी के अधिकारियों ने पीड़ित स्वजनों को आर्थिक मदद देने का आश्वासन दिया। साथ ही कार्य करने वाली कंपनी के खिलाफ जांच कराते हुए कार्रवाई करने की बात भी कहीं। वार्ता के दौरान एसडीएम लवी त्रिपाठी और सीओ सुरेश सिंह भी मौजूद रहे। एसडीएम ने बताया कि डीएफसीसी के अधिकारियों ने मृतक के स्वजनों को आर्थिक मदद का आश्वासन दिया है। पुलिस-प्रशासन भी पीड़ित परिवार के साथ है।