पहले जांचा-परखा फिर बना दिया ग्राम प्रधान

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में यूं तो इस बार ग्राम प्रधान पद के लिए राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों से लेकर धनाड्य लोगों ने भी जोर-आजमाइश की। पंचायत चुनाव में इस बार बदलाव की बयार खूब दिखी। शिकारपुर के भटौला के एक ऐसे युवा को ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान चुना जो मात्र 22 वर्ष का है और गांव में विकास के लिए दो वर्षों से काम कर रहा है। इतना ही नहीं कमालपुर ग्राम पंचायत जिले में सबसे विकासशील ग्राम पंचायतों में शामिल है। इसकी प्रधान एक बुजुर्ग महिला रहीं हैं और इस बार भी इन्हें ही ग्रामीणों ने मौका दिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 10:30 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 10:30 PM (IST)
पहले जांचा-परखा फिर बना दिया ग्राम प्रधान
पहले जांचा-परखा फिर बना दिया ग्राम प्रधान

बुलंदशहर, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में यूं तो इस बार ग्राम प्रधान पद के लिए राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों से लेकर धनाड्य लोगों ने भी जोर-आजमाइश की। पंचायत चुनाव में इस बार बदलाव की बयार खूब दिखी। शिकारपुर के भटौला के एक ऐसे युवा को ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान चुना जो मात्र 22 वर्ष का है और गांव में विकास के लिए दो वर्षों से काम कर रहा है। इतना ही नहीं कमालपुर ग्राम पंचायत जिले में सबसे विकासशील ग्राम पंचायतों में शामिल है। इसकी प्रधान एक बुजुर्ग महिला रहीं हैं और इस बार भी इन्हें ही ग्रामीणों ने मौका दिया।

शिकारपुर ब्लाक क्षेत्र की ग्राम पंचायत भटौला मिलक में 22 वर्षीय देवमणि शर्मा को मतदाताओं ने ग्राम प्रधान बनाया है। देवमणि शर्मा पिछले तीन वर्षों से ग्राम विकास के लिए संघर्ष कर रहा था और युवाओं के लिए स्टेडियम और अन्य विकास कार्यों को एक आम युवा होने के नाते ग्राम पंचायत निधि में शामिल कराया है। इस बूते पर देवमणि शर्मा को ग्रामीणों ने सर्वाधिक 446 वोटों से जीत दिलाई।

वहीं, जनपद में सर्वाधिक विकासशील ग्राम पंचायत का तमगा कमालपुर के नाम है। इसमें 65 वर्षीय आबिदा बेगम पत्नी फारुख अहमद को 2015 में ग्राम प्रधान चुनाव गया था। आबिदा की तबीयत खराब होने के चलते उनके बेटे शानू अहमद ग्राम पंचायत का संचालन करते हैं और इन्होंने विकास की बयार गांव में बहाई। इसी बलबूते पर महिला शीट होने के चलते आबिदा को फिर से ग्राम प्रधान चुना गया और शानू के कंधों पर गांव के विकास की जिम्मेदारी सौंपी।

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