पेस्टीसाइड फैक्ट्री में लगी आग, ब्वायलर फटा

औद्योगिक क्षेत्र स्थित पेस्टीसाइट फैक्ट्री में गुरुवार की सुबह अचानक लग गई। आग की चपेट में आने से कई कर्मी बाल-बाल बच गए। दमकल गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 Jun 2019 10:03 PM (IST) Updated:Thu, 06 Jun 2019 10:03 PM (IST)
पेस्टीसाइड फैक्ट्री में लगी आग, ब्वायलर फटा
पेस्टीसाइड फैक्ट्री में लगी आग, ब्वायलर फटा

बुलंदशहर, जेएनएन। सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र स्थित पेस्टीसाइट फैक्ट्री में गुरुवार सुबह चार बजे अचानक आग भड़क गई। आग की चपेट में आने से केमिकल से भरा ब्वायलर में फट गया जिससे अफरा-तफरी मच गई। इसकी चपेट में आने से कई कर्मी बाल-बाल बच गए। पांच दमकल गाड़ियों ने चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग से फैक्ट्री में लाखों का नुकसान बताया गया है।

औद्योगिक क्षेत्र स्थित राजारामपुर गांव रोड पर जेयू एमरी साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड पेस्टीसाइट फैक्ट्री है। इसमें कृषि दवाइयां बनाई जाती है। बुधवार रात की शिफ्ट में फैक्ट्री में काम बंद था और मात्र गार्ड तैनात थे। गार्डो के मुताबिक गुरुवार सुबह चार बजे अचानक गोदाम की तरफ से आग भड़कने लगी। इसकी जानकारी होने पर आसपास रहने वाले कर्मी मौके पर पहुंचे और आग पर काबू करने का प्रयास शुरू किए। लेकिन आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। सूचना पर सिकंदराबाद अग्निशमन की टीम को लेकर एफएसओ संजीव कुमार यादव पहुंचे। तभी अचानक केमिकल से भरा ब्वायलर तेज धमाके के साथ फट गया, जिसकी चपेट में आने से आसपास रहने वाले कर्मचारी बाल-बाल बच गए। इससे फैक्ट्री में अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन सभी कर्मियों को बाहर निकलवाकर एफएसओ ने आग पर काबू करने के प्रयास शुरू किए। विकराल रूप लेती जा रही आग को देख खुर्जा, बुलंदशहर के साथ आसपास फैक्ट्री की दमकल गाड़ियों को बुलाया गया। केमिकल ड्रमों में लगी आग पर पानी का प्रभाव न पड़ने पर फागिग व रेत आदि डालकर करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।

फैक्ट्री प्रबंधक बिजेंद्र कुमार ने बताया कि आग से लाखों का केमिकल, तैयार दवाइयां समेत अन्य सामान जल गया है। आग के पीछे शॉर्ट सर्किट होना है।

केमिकल की दुर्गध फैलने से घुटने लगा लोगों का दम

पेस्टीसाइट कंपनी में जालिन, सीनाइन, मैथेनाइल, ऐसीटोन, डाईथिटोन, फास्फोरस एसिड आदि का प्रयोग कृषि दवाइयां बनाने में प्रयोग होता है। इससे कीड़े मारने व उर्वरा शक्ति बढ़ाने की दवा तैयार होती है। आग के कारण फटे ब्वायलर व अन्य ड्रमों में भड़की आग बुझाने के लिए अग्निशमन कर्मियों को मास्क लगाने पड़े। बाद में केमिकल की दुर्गध हवा में फैलने से आसपास के लोगों को चक्कर आने, उल्टियां लगने की शिकायत हुई। आग बुझने के एक घंटे स्थित सामान्य हो सकी।

इन्होंने कहा..

आग से बचाव को फैक्ट्री में अग्निशमन यंत्र पर्याप्त नहीं है। न ही फायर एनओसी मिली। आग लगने की वजह की जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। इसके बाद ही फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

संजीव कुमार यादव, एफएसओ

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