बारिश से बर्बाद हुई फसल का किसानों को मिले मुआवजा
बुलंदशहर जेएनएन। बरसात से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर भाकियू महाशक्ति क
बुलंदशहर, जेएनएन। बरसात से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर भाकियू महाशक्ति के कार्यकर्ताओं ने तहसील पर प्रदर्शन किया। साथ ही मुख्यमंत्री संबोधित ज्ञापन कानूनगो को सौंपा।
मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन महाशक्ति के कार्यकर्ता एकत्र होकर तहसील पहुंच गए। जहां कार्यकर्ताओं ने बताया कि रविवार और सोमवार को हुई बरसात ने क्षेत्र में किसानों की धान, सरसो समेत अन्य फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। जिन खेतों में धान कटाई के बाद पड़े हुए थे। वहां किसानों को 90 प्रतिशत नुकसान हुआ है। वहीं बरसात के बाद हाल ही में बुवाई की गई सरसों उपजने वाली नहीं है। ऐसे में किसानों के खेतों का सर्वे किया जाए और उसके बाद किसानों को उनकी बर्बाद हुई फसलों का मुआवला शीघ्र मिले। जिसको लेकर कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। साथ ही मुख्यमंत्री संबोधित ज्ञापन कानूनगो हनीफ खां को सौंपा और शीघ्र मुआवजे की मांग पूरी नहीं होने पर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी। इसमें रिकू सिंह, दामोदर सिंह, अली मोहम्मद, विष्णु त्यागी, रसीद, रोहताश, कमल कुमार आदि रहे।
बारिश से बढ़ा गंगा का जलस्तर
संवाद सूत्र, नरौरा: पहाड़ी एवं मैदानी क्षेत्रों में दो दिन से हो रही लगातार बरसात के चलते गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। हरिद्वार बैराज से छोड़े गए पानी के कारण नरौरा के चौधरी चरण सिंह बैराज पर भी गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई। सिचाई विभाग नरौरा हेडवर्क्स के एसडीओ अंकित कुमार ने बताया कि मंगलवार की दोपहर हरिद्वार बैराज से तीन लाख सत्तर हजार क्यूसेक जल राशि छोड़ी गई है। जोकि 48 घंटों में नरौरा बैराज से पास होगी। मंगलवार की सांय चार बजे तक बैराज की अपस्ट्रीम में 33514 क्यूसेक पानी की उपलब्धता दर्ज की गई। नरौरा गंगा बैराज पर डाउनस्ट्रीम में खतरे का निशान समुद्र तल से 178.765 मीटर है। गंगा की डाउनस्ट्रीम में 31988 क्यूसेक प्रति सेकेंड की दर से पानी की निकासी की जा रही है। जोकि समुद्र तल से 177.40 मीटर है। सिचाई विभाग के एसडीओ ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर बैराज के सभी फाटकों का निरीक्षण कर लिया गया है। तथा तट बंधों पर सुरक्षा की ²ष्टि से कर्मचारियों की तैनाती की गई है। बुधवार को गुरु पूर्णिमा पर्व पर गंगा स्नान के लिए भी घाटों पर कर्मचारी तैनात किए गए हैं। जो स्नानार्थियों को गंगा में ज्यादा अंदर जाने से रोकेंगे।