किसानों ने की बेसहारा पशुओं को पकड़वाने की मांग

फसलों को बर्बाद कर रहे बेसहारा पशुओं को किसानों ने पकड़कर गोशाला भिजवाने की मांग डीएम से की है। साथ ही सुनवाई नहीं होने पर धरना-प्रदर्शन की भी चेतावनी दी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 11:16 AM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 11:16 AM (IST)
किसानों ने की बेसहारा पशुओं को पकड़वाने की मांग
किसानों ने की बेसहारा पशुओं को पकड़वाने की मांग

जेएनएन, बुलंदशहर। फसलों को बर्बाद कर रहे बेसहारा पशुओं को किसानों ने पकड़कर गोशाला भिजवाने की मांग डीएम से की है। साथ ही सुनवाई नहीं होने पर धरना-प्रदर्शन की भी चेतावनी दी है।

गांव थौरा, बंकापुर आदि कई गांवों के किसान सोमवार को जहांगीरपुर कस्बे में खुर्जा मार्ग पर एकत्र हो गए। जहां उन्होंने बैठक आयोजित की। जिसमें बताया कि उनके खेतों में फसलों को बेसहारा पशु लगातार बर्बाद कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें मजबूरी में सर्द रातें खेतों पर फसलों की रखवाली करने के लिए गुजारनी पड़ रही हैं। जबकि शासन द्वारा बेसहारा पशुओं को पकड़कर गोशाला भिजवाने के दिशा-निर्देश दिए हुए हैं, लेकिन उसके बाद भी क्षेत्र में बेसहारा पशुओं को पकड़ा नहीं जा सका है। किसानों ने कहा कि उन्होंने अपने खेतों की तारबंदी तक करा ली है। उसके बावजूद भी बेसहारा पशुओं से फसलों को बचाने में वह नाकाम साबित हो रहे हैं। जिसको लेकर किसानों ने गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी को शिकायती पत्र भेजा है। वहीं सुनवाई नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है। इसमें नेमपाल सिंह, राजकुमार, हरकेश, सरदार सिंह, जगमेर चौधरी, मनोज कुमार, दिनेश आदि रहे।

किसानों से जैविक खेती अपनाने की अपील

गांव हजरतपुर में आयोजित हुई गोष्ठी में किसानों से जैविक खेती अपनाने का आह्वान किया गया। साथ ही उन्हें भूमि की उर्वरक शक्ति बढ़ाने के उपाय भी बताए गए।

सोमवार को गांव हजरतपुर में सेवा समर्पित किसान एकता संगठन के तत्वावधान में किसान गोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें मुख्य अतिथि डा. भूपेंद्र कुमार ने कहा कि रासायनिक खादों के अधिक प्रयोग के कारण भूमि की उर्वरा शक्ति लगातार क्षीण होती जा रही है। पूरे विश्व में 200 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक खेती हो रही है। भारत में इसके मात्र एक प्रतिशत पर ही हो रही है। कृषि जानकार हरीश सिंह ने कहा कि मिट्टी की आत्मा पूरी तरह मर चुकी है। जैविक खाद के प्रयोग से मृदा में वैक्टीरिया, कल्चर आदि पोषक तत्वों की पूर्ति होती है। परंपरागत खेती से किसानों की उत्पादन लागत बढ़ गई है और मुनाफा लगातार घटता जा रहा है। ऐसे में किसानों को जैविक खेती अपनानी चाहिए। इसमें रोहताश सिंह, वीरेंद्र, अरुण कुमार, मनीष सिंह, गोपाल कुमार, कृपाल सिंह, सुरेंद्र, प्रदीप कुमार आदि रहे।

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