हर नौजवान और अन्नदाता का है किसान आंदोलन : पूनम
अंतरराष्ट्रीय शूटर पूनम पंडित ने कहा कि किसान आंदोलन को 104 दिन हो चुके लेकिन केंद्र सरकार टस से मस नहीं हुई है। यह लड़ाई किसी जाति अथवा धर्म विशेष की नहीं बल्कि देश के प्रत्येक नौजवान और अन्नदाता की है।
जेएनएन, बुलंदशहर। अंतरराष्ट्रीय शूटर पूनम पंडित ने कहा कि किसान आंदोलन को 104 दिन हो चुके, लेकिन केंद्र सरकार टस से मस नहीं हुई है। यह लड़ाई किसी जाति अथवा धर्म विशेष की नहीं बल्कि देश के प्रत्येक नौजवान और अन्नदाता की है।
भारतीय किसान यूनियन महाशक्ति के नेतृत्व में बुधवार दोपहर खुर्जा रोड स्थित ठंडी प्याऊ पर आयोजित किसान पंचायत में मुख्य अतिथि पूनम पंडित ने कहा कि भाजपा सरकार में किसानों का कोई सम्मान नहीं रह गया है। किसानों से लड़ाई जारी रखने की अपील करते हुए कहा कि अब हर घर से पारिवारिक सदस्य की मौजूदगी दिल्ली बार्डर पर होगी।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र जादौन ने कहा कि सरकार किसानों को देशद्रोही घोषित करने में जुटी है जबकि किसान देशभक्त होता है। चालू पेराई सत्र का 250 करोड़ रुपया अभी भी जिले की चीनी मिलों पर बकाया है। गोवंश फसलों को नष्ट कर रहे हैं। कहा कि पीएम फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों के खाते से ही कटौती कर सरकार को धनराशि भेजी जा रही है। पीएम सम्मान निधि शुरू हुई तो चार लाख किसानों को लाभ मिल रहा था लेकिन रसोई गैस की सब्सिडी की तरह सम्मान निधि भी गायब हो गई। नए कृषि कानून किसानों के लिए आपातकाल बनकर आए हैं। किसानों की आजादी को हम खत्म नहीं होने देंगे। राष्ट्रीय संगठन मंत्री जगत सिंह सिसोदिया, जिलाध्यक्ष मोहम्मद अली भाटी, ताहिर, शाहिद, संजय शर्मा, बीके लोधी, दामोदर सिंह, आस मोहम्मद आदि मौजूद रहे। मांगों को लेकर थाने पर गरजे भाकियू कार्यकर्ता
विद्युत संबंधी समस्याओं को लेकर भाकियू कार्यकर्ताओं ने थाने पर धरना-प्रदर्शन किया और किसान के खिलाफ झूठी शिकायत देने का आरोप लगाया। साथ ही कार्रवाई किए जाने की गुहार लगाई।
बुधवार को भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता एकत्र होकर थाने पर पहुंच गए। जहां उन्होंने बताया कि गांव भुन्ना जाटान निवासी किसान के दो पुत्रों के खिलाफ ऊर्जा निगम के जेई द्वारा तहरीर दी गई है। वह पूरी तरह से गलत है। जबकि मामले में सच्चाई यह है कि उनके स्वजनों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया था। जिसकी शिकायत भी पुलिस को किसान के स्वजनों द्वारा दी गई है। मामले में उन्होंने निष्पक्ष जांच कराकर आरोपित विद्युत कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई। साथ ही जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि ऊर्जा निगम के कर्मियों द्वारा किसानों के साथ आए दिन अभद्र व्यवहार किया जाता है। अगर आगे भी किसानों के प्रति विद्युत कर्मियों का यहीं व्यवहार रहा, तो वह आंदोलन को विवश होंगे। इसमें अनिल कुमार उर्फ बब्बन चौधरी, रचित आर्य, योगेंद्र, हरेंद्र सिंह, संदीप, रामवीर, राकेश, राजबहादुर आदि रहे।