सर्विलांस के शिकंजे में फंस गए आबकारी इंस्पेक्टर

अपनी सूझबूझ की वजह से ही एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने आबकारी इंस्पेक्टर व दोनों सिपाहियों को गिरफ्तार करने से पहले से घंटों होमवर्क कर तमाम वो साक्ष्य जुटाए जिसे अदालत में झुठलाया न जा सके। शराब तस्कर विमल राघव शराब ठेकेदार ब्रह्मपाल तथा आबकारी इंस्पेक्टर व दोनों सिपाहियों की सीडीआर के अलावा घंटों तक एक ही मोबाइल टावर की रेंज में मौजूदगी मजबूत साक्ष्य है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 10:50 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 10:50 AM (IST)
सर्विलांस के शिकंजे में फंस गए आबकारी इंस्पेक्टर
सर्विलांस के शिकंजे में फंस गए आबकारी इंस्पेक्टर

जेएनएन, बुलंदशहर। अपनी सूझबूझ की वजह से ही एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने आबकारी इंस्पेक्टर व दोनों सिपाहियों को गिरफ्तार करने से पहले से घंटों होमवर्क कर तमाम वो साक्ष्य जुटाए, जिसे अदालत में झुठलाया न जा सके। शराब तस्कर विमल राघव, शराब ठेकेदार ब्रह्मपाल तथा आबकारी इंस्पेक्टर व दोनों सिपाहियों की सीडीआर के अलावा घंटों तक एक ही मोबाइल टावर की रेंज में मौजूदगी मजबूत साक्ष्य है। तीनों को गिरफ्तार के बाद केस डायरी में इन सभी बातों का जिक्र कर कानून फंदे को मजबूत किया गया है।

डिबाई सर्किल के रहे आबकारी इंस्पेक्टर सुरेश सिंह चौहान, हेड कांस्टेबल खेम सिंह तथा अनुज के खिलाफ पूर्व में भी भ्रष्टाचार की शिकायत आ चुकी है लेकिन हर बार बिना कार्रवाई के ही बच जाते थे। संभवत: इसी वजह से इनके हौसले इतने बढ़ गए कि जब जिले में अपमिश्रित शराब पीने से गांव जीतगढ़ी में छह लोगों की मौत होने के बावजूद इनका हाथ जरा भी लाखों रुपये लेते हुए नहीं कांपे।

एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि शराब तस्कर विमल राघव ने जब तीन लाख के बदले नकली शराब की आठ पेटी व अपनी रिहाई को जो स्टोरी सुनाई तो उसे पुष्ट करने के लिए सर्विलांस की मदद ली। राघव ने आठ जनवरी को खुद के पकड़े जाने की जो लोकेशन व समय बताया तो तुरंत बीटीएस उठवा कर तस्कर व आबकारी इंस्पेक्टर सहित दोनों सिपाहियों की लोकेशन चेक कराई, जो वहीं की निकली। इसके बाद तीन घंटे तक चारों की लोकेशन बुलंदशहर में आबकारी विभाग के एक कमरे की मिली। साथ ही सीडीआर में शराब ठेकेदार ब्रह्मपाल को की गई काल व फिर उसके आने-जाने की पूरी लोकेशन का भी मिलान हो गया। इतना ही नहीं वीडियो बनवा कर शराब की बरामदगी भी करवाई गई। एसएसपी ने बताया कि सर्विलांस के माध्यम से पूरे साक्ष्य जुटाने के बाद ही गिरफ्तारी की गई।

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मनोज

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