नरौरा के गांधी घाट से हटाया गया अतिक्रमण

गांधी गंगा घाट पर हुए हादसे के बाद प्रशासन लगातार व्यवस्था करने में जुटा है। सोमवार को सिचाई विभाग के अधिकारियों ने घाट पर पहुंचकर वहां पर बनी अवैध लगभग 400 दुकानों को हटवा दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 11:27 PM (IST) Updated:Tue, 15 Oct 2019 06:02 AM (IST)
नरौरा के गांधी घाट से हटाया गया अतिक्रमण
नरौरा के गांधी घाट से हटाया गया अतिक्रमण

बुलंदशहर, जेएनएन। गांधी गंगा घाट पर हुए हादसे के बाद प्रशासन लगातार व्यवस्था करने में जुटा है। सोमवार को सिचाई विभाग के अधिकारियों ने घाट पर पहुंचकर वहां पर बनी अवैध लगभग 400 दुकानों को हटवा दिया है। ताकि वहां पर पार्किग, यात्री शेड और अन्य व्यवस्थाएं हो सके। सोमवार को पूरे दिन यह अभियान चलता रहा। जिससे दुकानदारों में हड़कंप मचा रहा है। कई बार दुकानदारों से अधिकारियों की झड़प भी हुई।

दरअसल, 11 अक्टूबर की सुबह गांधी गंगा घाट पर एक सड़क हादसे में हाथरस के गांव मोहनपुरा निवासी चार महिलाओं और तीन बच्चियों की मौत हो गई थी। जिसके बाद दैनिक जागरण ने व्यवस्थाओं को लेकर कई सवाल उठाए थे। जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लिया और कार्रवाई के आदेश दिए। दो दिन पहले एडीएम प्रशासन अपनी टीम के साथ घाट पर जांच करने के लिए पहुंचे थे। जांच में सामने आया कि घाट का जो ठेकेदार मुकेश कुमार ठेका लेता है। उसकी कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि पूरी व्यवस्था ठेकेदार को करनी थी। उल्टे वह दुकानों और वाहनों से अवैध वसूली करता है। सोमवार को दुकानें हटने के बाद घाट पर काफी स्पेस हो गया है। अब यहां पर आराम से वाहन भी खड़े हो सकते है और यात्री शेड भी बन सकता है। सोमवार को सिचाई विभाग के एसडीओ जुल्फिकार स्थानीय पुलिस के साथ घाट पर पहुंचे और अवैध दुकानों को हटवाया। कुछ दुकानदारों ने चेतावनी देते ही दुकानों को हटाना शुरू कर दिया था। कुछ की दुकानों को जेसीबी से हटाया गया। वहीं, इस मामले में सिचाई विभाग की लापरवाही भी सामने आई है, लेकिन सिचाई विभाग के अधिकारियों को बचा लिया गया है।

नेताओं की लगती रही सिफारिश

जिस समय सिचाई विभाग के अधिकारी दुकानों को हटाने के लिए पहुंचे तो एसडीएम से लेकर उच्च अधिकारियों तक नेताओं के फोन घनघनाएं, लेकिन अफसरों ने किसी नेता की नहीं सुनी और अतिक्रमण को हटवाया।

ठेकेदार के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

11 अक्टूबर को हुई दुर्घटना के संबंध में प्रशासन ने ठेकेदार मुकेश कुमार को भी जिम्मेदार माना है। इसलिए उसके खिलाफ भी नरौरा थाने में लापरवाही का मुकदमा दर्ज कराया गया है। सिचाई विभाग के जिलेदार लालाराम सुमन की तहरीर पर यह मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोप लगाया गया है कि ठेकेदार यदि वहां पर अतिक्रमण नहीं कराता तो हादसा नहीं होता। उसने घाट पर कोई व्यवस्था भी नहीं की हुई थी।

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