टूट गया घर-घर में डस्टबिन रखने का सपना
शहर में घर-घर में डस्टबिन रखने का सपना टूट गया है। गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग कलेक्ट करने की प्रस्ताव ने शासन ने रोक दिया।
बुलंदशहर, जेएनएन। शहर में घर-घर में डस्टबिन रखने का सपना टूट गया है। गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग कलेक्ट करने की प्रस्ताव ने शासन ने रोक दिया। घर-घर में डस्टबिन रखने के बजाए शासन ने शहर में स्टील के 250 डस्टबिन लगवाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए पालिका ने तैयारी शुरू कर दी है।
पिछले साल नगरपालिका ने शहर को स्वच्छ बनाने के लिए घर-घर में गीले और सूखे कूड़े की डस्टबिन अलग-अलग रखवाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। इसमें गीले और सूखे कूड़े को डोर टू डोर कलेक्ट करने के लिए अलग-अलग कलर की दो-दो डस्टबिन रखी जानी थी। सफाई व्यवस्था के इस पूरे प्लान पर पालिका को पांच करोड़ रुपये खर्च करने थे। कई माह तक प्रस्ताव शासन में अटका रहा। पिछले सप्ताह लखनऊ में प्रमुख सचिव नगर विकास के साथ हुई प्रदेशभर के पालिका अधिकारियों की बैठक में ईओ ने प्रस्ताव को लेकर चर्चा की। इसके बाद शासन ने डस्टबिन रखवाने के लिए इंकार कर दिया। अगले वर्षों में शासन इस प्रस्ताव पर विचार करेगा। साथ ही शासन ने शहर में मध्यम साइज की 250 डस्टबिन लगाने के निर्देश दिए हैं। नई लगने वाली डस्टबिन लोहे या प्लास्टिक की नहीं, बल्कि स्टील की होंगी। इनमें गलने या जंग लगने की समस्या कम होगी। इसलिए स्टील की डस्टबिन लंबे समय चलेंगी। कूड़े से अटा है शहर
कूड़ा उठाने और सफाई करने की व्यवस्था शहर में चौपट पड़ी है। हर गली और मोहल्ले में कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। इसके लिए नगरपालिका तो जिम्मेदार है। साथ में वो लोग भी जिम्मेदार हैं, जोकि घर और दुकान की सफाई के बाद कूड़ा यहां-वहां फेंक देते हैं या फिर नाले में डाल देते हैं। ठेके की सफाई भी चौपट
शहर के दस वार्डो में पालिका ठेके पर सफाई करवा रही है। लेकिन ठेकेदार की मनमानी के चलते इन वार्डों के लोग भी नरक झेल रहे हैं। बोर्ड बैठक में कई बार सफाई का मुद्दा उठा चुका है। आए दिन लोग भी पालिका में शिकायत लेकर पहुंचते हैं।
इन्होंने कहा..
फिलहाल शासन ने घर-घर में डस्टबिन रखवाने की योजना रोक दी है। 250 स्टील की डस्टबिन लगवाई जाएंगी। सफाई की व्यवस्था पर जोर दिया जाएगा।
-निहाल चंद, ईओ, पालिका