यात्रियों के अभाव में दर्जनों रोडवेज बस नहीं हुई रवाना
खुर्जा में साप्ताहिक लाकडाउन के कारण यात्रियों के अभाव में दर्जनों रोडवेज बसें डिपो से रवाना नहीं हो सकीं। इससे परिवहन विभाग को काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं दूसरी तरफ जो बसें दौड़ती नजर आई। इनमें भी यात्रियों की संख्या काफी कम थी और मजबूरी में ही यात्री सफर करते हुए नजर आए।
बुलंदशहर, जेएनएन। खुर्जा में साप्ताहिक लाकडाउन के कारण यात्रियों के अभाव में दर्जनों रोडवेज बसें डिपो से रवाना नहीं हो सकीं। इससे परिवहन विभाग को काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं दूसरी तरफ जो बसें दौड़ती नजर आई। इनमें भी यात्रियों की संख्या काफी कम थी और मजबूरी में ही यात्री सफर करते हुए नजर आए।
बढ़ते कोरोना को लेकर शासन ने एक दिन का लाकडाउन लगाने के आदेश दिए हैं। जिसमें रोडवेज बसों के संचालन को अनुमति दी गई हैं, लेकिन रविवार को लाकडाउन के कारण सुबह से लेकर शाम तक रोडवेज बस स्टैंड पर सन्नाटा पसरा हुआ नजर आया। खुर्जा रोडवेज डिपो से 72 बसों का संचालन प्रतिदिन होता है, लेकिन रविवार को शाम तक महज 30 बसों ही अपने गंतव्य की तरफ रवाना हो सकीं। दोपहर दो बजे तक महज नौ बसें ही रवाना हो सकी थी। हालांकि उसके बाद बसों के रवाना होने की संख्या में इजाफा हुआ। लेकिन अधिकांश बसों में यात्रियों की संख्या काफी कम थी। वहीं अन्य डिपो की रोडवेज बसों का भी यहीं हाल दिखाई दिया। नगर से भी जिन यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने की मजबूरी थी। उन्होंने ही रोडवेज बसों का सहारा लिया। वहीं कई ऐसे यात्री भी दिखाई दिए। जिन्हें अपने रूट की तरफ जाने के लिए बसें नहीं मिलीं और उन्होंने घंटों बस स्टैंड पर बैठकर ही बसों के आने का इंतजार किया। जिसके बाद वह अपने गंतव्य की तरफ रवाना हो सके।
बोले यात्री...
जहांगीरपुर स्थित कोल्हू पर कार्य करता हूं। गांव में प्रधानी का चुनाव होने के कारण लॉकडाउन के दिन रविवार को मजबूरी में निकलना पड़ा है। बस स्टैंड पर घंटों के इंतजार के बाद मेरठ की तरफ जाने वाली बस मिली हैं।
--सहदेव, निवासी गांव लालोखेड़ी मुजफ्फरनगर।
रविवार को लॉकडाउन के विषय में जानकारी थी, लेकिन गांव से फोन आया कि चुनाव में वोट जरूरी देनी हैं। जिसके तहत ही मजबूरी में गांव जाने के लिए निकलना पड़ा।
--ओम कुमार, निवासी लालोखेड़ी, मुजफ्फरनगर।