गरीबों को सामग्री और प्रवासी को भोजन बांटा

कोरोना से मौतों का सिलसिला शुरू हुआ तो लोगों में बहुत दहशत थी आलम ये था कि लोग अपने परिवार के लोगों तक से मिलने से बच रहे थे। इस संक्रमणकाल में गरीब बेसहारा और प्रवासी श्रमिकों को मदद की दरकार थी। लोगों की जरूरत के सामने कोरोना का डर को छोटा कर समाजसेवी सूवी सिंह आगे आए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 07:38 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 07:38 PM (IST)
गरीबों को सामग्री और प्रवासी को भोजन बांटा
गरीबों को सामग्री और प्रवासी को भोजन बांटा

जेएनएन, बुलंदशहर। कोरोना से मौतों का सिलसिला शुरू हुआ तो लोगों में बहुत दहशत थी आलम ये था कि लोग अपने परिवार के लोगों तक से मिलने से बच रहे थे। इस संक्रमणकाल में गरीब, बेसहारा और प्रवासी श्रमिकों को मदद की दरकार थी। लोगों की जरूरत के सामने कोरोना का डर को छोटा कर समाजसेवी सूवी सिंह आगे आए।

शहर के कृष्णानगर निवासी युवा भाजपा नेता और समाजसेवी सरदार सूवी सिंह ने बताया कि 24 मार्च को लाकडाउन लग गया। एक अप्रैल से उनके साथ काम करने वाले श्रमिकों के फोन आने लगे कि खाने का संकट खड़ा होने लगा है। इसी बीच प्रदेश के तमाम जिलों के प्रवासी श्रमिक जिले के अंदर से होकर गुजर रहे थे। जीवन में पहली बार लोगों को इतने कष्ट में देखा तो कोरोना का खौफ मन से दूर हुआ और लगा कि इनकी मदद करनी चाहिए। घरवाले रोकने लगे कि घर के बाहर निकले तो पता नहीं कौन संक्रमित मिल जाएगा और वायरस घर के अंदर तक आएगा लेकिन मन नहीं माना और ईश्वर से प्रार्थना कर सूवी सिंह घर से निकल पड़े। इन्होंने गरीब और बेसहारा लोगों को सूखा राशन बांटने के साथ ही करीब एक माह तक प्रवासी श्रमिकों को भोजन और पानी बांटते रहे। शहर के भूड़ चौराहे से लेकर कई मार्गों से लोग निकले तो उनकी मदद करते रहे। धूप में मीलों चलकर थक चुके मजदूरों को छायादार जगह लेटने की व्यवस्था की। पैदल चलकर जिनकी तबियत बिगड़ी उन श्रमिकों को दवा और मरहम पट्टी का भी इंतजाम किया। उसके बाद से अब काम धंधे चौपट होकर आर्थिक तंगी झेल रहे लोगों को सर्दी में कंबल भी बांट रहे हैं। इनका कहना है कि मानवता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। जब हम किसी की मदद करते हैं तो ईश्वर हमारी मदद करता है।

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