कृषि कानून किसानों के सामने आपदा : जयंत

जहांगीराबाद में राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि कृषि कानून किसानों के लिए आपदा है। इससे निपटने को जाति भूलकर लड़ना होगा। यह आंदोलन किसी एक जाति का नहीं बल्कि फसल उगाने वाले पशु और मछली पालन करने वाले हर किसान का आंदोलन है। यह कानून सभी किसानों पर लागू होगा। अब भाजपा को राजनीतिक चोट पहुंचाना जरूरी हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 11:57 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 11:57 PM (IST)
कृषि कानून किसानों के सामने आपदा : जयंत
कृषि कानून किसानों के सामने आपदा : जयंत

जेएनएन, बुलंदशहर। जहांगीराबाद में राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि कृषि कानून किसानों के लिए आपदा है। इससे निपटने को जाति भूलकर लड़ना होगा। यह आंदोलन किसी एक जाति का नहीं, बल्कि फसल उगाने वाले, पशु और मछली पालन करने वाले हर किसान का आंदोलन है। यह कानून सभी किसानों पर लागू होगा। अब भाजपा को राजनीतिक चोट पहुंचाना जरूरी हो गया है।

गुरुवार को जहांगीराबाद के रामलीला मैदान में आयोजित पंचायत में जयंत चौधरी ने कहा कि मंडियां खत्म होने से देश को प्रतिवर्ष 8664 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। मंडी परिषद के शुल्क से गांव-देहात में विकास कार्य होते हैं। अब यह शुल्क कारपोरेट घरानों को मिलेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री की मन की बात पर भी सवाल उठाए। कहा कि पूरे देश का किसान परेशान है। ऐसे में प्रधानमंत्री को चैन से नींद कैसे आती है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन तोड़ने को इसे एक जाति का आंदोलन बताया जा रहा है। जनपद की चीनी मिलों पर ढाई करोड़ का गन्ना भुगतान बकाया है। गैस, पेट्रोल, डीजल और रेल के किराये में भी दो से तीन गुणा मूल्य बढ़ा दिए गए हैं। ऐसे में जनता अब बदलाव चाहती है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि दमनकारी नीतियां बनाने वाली सरकारों को राजनैतिक चोट देकर बदल दें। उन्होंने वीर विजय सिंह पथिक के आंदोलन का जिक्र कर कहा कि दमन के खिलाफ उन्होंने पुरजोर लड़ाई लड़ी और सत्ता को हमेशा ही शिकस्त दी। किसान महापंचायत में लोगों की भीड़ को देख जयंत चौधरी गदगद हो गए। उन्होंने आगामी चुनावों में जीत दिलाने का लोगों से आग्रह किया।

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