घने कोहरे ने रोकी रफ्तार, 50 मीटर से भी कम पहुंची दृश्यता

पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों पर पड़ रहा है। हवा की गति कम रहने से जहां शीतलहर का असर कम हो गया है लेकिन कोहरे का प्रकोप बढ़ गया है। इससे दृश्यता काफी प्रभावित हो रही है। तापमान में उतार-चढ़ाव बना होने से पारा नौ से चार डिग्री तक पहुंच रहा है। मौसम विभाग भी फिलहाल इसी तरह का मौसम अभी बने रहने का पूर्वानुमान जता रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 10:51 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 10:51 PM (IST)
घने कोहरे ने रोकी रफ्तार, 50 मीटर से भी कम पहुंची दृश्यता
घने कोहरे ने रोकी रफ्तार, 50 मीटर से भी कम पहुंची दृश्यता

जेएनएन, बुलंदशहर। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों पर पड़ रहा है। हवा की गति कम रहने से जहां शीतलहर का असर कम हो गया है, लेकिन कोहरे का प्रकोप बढ़ गया है। इससे दृश्यता काफी प्रभावित हो रही है। तापमान में उतार-चढ़ाव बना होने से पारा नौ से चार डिग्री तक पहुंच रहा है। मौसम विभाग भी फिलहाल इसी तरह का मौसम अभी बने रहने का पूर्वानुमान जता रहा है।

मौसम लगातार मिजाज लगातार बिगड़ रहा है। हालांकि गति कम होकर आठ से 10 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से फिलहाल हवा चल रही है। इससे सुबह और शाम कोहरे की घनी धुंध छा रही है। दिन की अपेक्षा रात्रि में दृश्यता काफी कमजोर होकर करीब 50 मीटर से भी कम दर्ज की जा रही है। ऐसे में वाहन सड़क पर रेंगने पर मजबूर हो गए हैं। रविवार को अधिकतम तापमान 18 और न्यूनतम नौ डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मौसम वैज्ञानिक डा. रामानंद पटेल का कहना है कि जब हवा की गति कम होती है तो कोहरे का प्रकोप बढ़ जाता है। जबकि शीतलहर कम हो जाती है। यही वजह है कि सुबह शाम कोहरे की चादर सड़कों पर बिछ रही है। हालांकि अभी दो दिन और ऐसे ही मौसम की चेतावनी जा की गई है। मौसम का हाल जानकर निकलें सड़क पर

मौसम वैज्ञानिक के अनुसार लोगों को ऐसे मौसम में सचेत रहने की जरूरत हैं। सुबह-शाम वाहन चलाने से बचना चाहिए। वाहन चलाते समय फाग लाइट का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। मौसम की जानकारी प्राप्त करके ही गंतव्य का सफर तय करना चाहिए। पशुओं को गुड़ का कराएं सेवन

कड़ाके की सर्दी में जहां लोग परेशान हैं। वहीं पशु-पक्षी भी ठिठु़र रहे हैं। ऐसे में मौसम वैज्ञानिक ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। कहा है कि लोग गर्म कपडे़ जरूर पहनें। भोजन में हरी सब्जी, पालक, मेथी, अदरक, हल्दी, काली मिर्च, सौंठ आदि का इस्तेमाल जरूर करें। रोगी, बुजुर्ग और बच्चों का विशेष ध्यान रखें। पशुशालाओं में पशुओं के नीचे सूखा रखें। उन्हें शाम को जल्दी बंद कर दें और सुबह दे से निकालें। चारे के साथ गुड़ का सेवन जरूर कराएं। रैन बसेरों में व्यवस्था पर्याप्त

हाड़ कंपकपा देने वाली सर्दी में पालिका प्रशासन ने रैन बसेरों की व्यवस्था की है। जहां लोग गैस के अलाव और चौराहे पर लकड़ी के अलाव जलाकर ताप रहे हैं। शहर में मलका पार्क, रोडवेज बस स्टैंड, स्याना अड्डा, भूड़ चौराहा आदि स्थानों पर बनाए गए अस्थाई रैन बसेरों में कंबल, पानी, तापने आदि के माकूल इंतजाम देखने को मिल रहे हैं। लगातार कर्मचारी व्यवस्था दुरुस्त करने में लगे हैं। आलू की फसल में झुलसा रोग लगने की संभावना

डीडी कृषि आरपी चौधरी के मुताबिक घना कोहरा छाने से जहां गेहूं की फसल को काफी लाभ पहुंचता है। वहीं, आलू की फसल में झुलसा रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है। फिलहाल इसी तरह के मौसम बना हुआ है। हालांकि अभी क्षेत्र में आलू की फसल में झुलसा रोग का प्रकोप देखने को नहीं मिला है। फिर भी किसान लगातार फसलों की निगरानी करते रहें।

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