सरकार के खिलाफ आशा-आंगनबाड़ियों का प्रदर्शन
बढ़ा मानदेय दिलाने पांच साल के लिए संविदा पर भर्ती के निर्णय को वापस लेने और अस्पतालों में भ्रष्टाचार को खत्म करने की मांग करते हुए आंगनबाड़ी-आशा कर्मचारियों ने सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन के बैनर तले बुधवार को केन्द्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में एकत्रित हुई आशा आंगनबाड़ी और रसोइयों ने कहा कि अफसरों द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा है। न समय से मानदेय मिल रहा है और ना ही योजनाओं का भुगतान समय से हो रहा है।
बुलंदशहर, जेएनएन। बढ़ा मानदेय दिलाने, पांच साल के लिए संविदा पर भर्ती के निर्णय को वापस लेने और अस्पतालों में भ्रष्टाचार को खत्म करने की मांग करते हुए आंगनबाड़ी-आशा कर्मचारियों ने सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन के बैनर तले बुधवार को केन्द्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में एकत्रित हुई आशा, आंगनबाड़ी और रसोइयों ने कहा कि अफसरों द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा है। न समय से मानदेय मिल रहा है और ना ही योजनाओं का भुगतान समय से हो रहा है।
बुधवार को विभिन्न मांगों को लेकर आशा-आंगनबाड़ी कर्मचारी डीएवी फ्लाईओवर के नीचे एकत्रित हुई। यहां से नारेबाजी करते हुए विकास भवन पहुंची। इसके बाद सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कलक्ट्रेट पहुंचकर सभा की। सभा में सीटू के जिला सचिव सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार जनता के बहुमत का गलत फायदा उठा रही है। किसान, मजदूर, नौकरीपेशा हर तबके के लोग आज परेशान हैं। सरकार विभागों को निजी हाथों में सौंप रही है। किसानों के लिए विधेयक लाकर उनकी कमर तोड़ दी है। सभा की अध्यक्षता करते हुए सावित्री गौतम ने कहा कि आशा-आंगनबाड़ियों को अभी तक बढ़ा मानदेय तक नहीं मिला है। जनविरोधी नीतियों के खिलाफ यदि विरोध किया जाता है तो सरकार उनकी आवाज को दवाने का प्रयास करती है। कोरोना काल में आशाएं-आंगनबाड़ी अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए कार्य कर रही हैं, लेकिन मानदेय तक समय से नहीं दिया जा रहा है। जिलाध्यक्ष तरुणा सिंह ने कहा कि जिला महिला अस्पताल भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। समय से जननी सुरक्षा योजनाओं का भुगतान तक नहीं मिल पा रहा है। शारदा ने कहा कि रसोइयों को अप्रैल माह से अभी तक मानदेय नहीं दिया गया। ऐसे में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपकर मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की।