सूखी पड़ी निचली गंग नहर में पानी छोड़ने की मांग
किसानों की फसल की सिंचाई के लिए मुख्य भूमिका निभाने वाली निचली गंगा नहर एक माह से सूखी पड़ी है। किसानों ने खेत में खड़ी फसलों की सिंचाई के लिए पानी छोड़े जाने की विभागीय अधिकारियों से मांग की है।
बुलंदशहर, जेएनएन। किसानों की फसल की सिंचाई के लिए मुख्य भूमिका निभाने वाली निचली गंगा नहर एक माह से सूखी पड़ी है। किसानों के खेतों में खड़ी गेहूं और आलू की फसल की सिंचाई के लिए पानी छोड़ने की मांग की है। ऊंचागांव, नरसेना और भड़काऊ होकर गुजर रही निचली गंगा नहर क्षेत्र के दर्जनों गांव के किसानों की हजारों बीघा फसल सिंचाई का मुख्य साधन है, लेकिन पिछले एक माह से नहर में पानी न आने के कारण किसानों की परेशानी बढ़नी शुरू हो गई है।
किसान प्रवीण कुमार, राजू राणा, कमल सिंह, महेन्द्र सिंह, गजेन्द्र सिंह, आदि ने बताया कि गेहूं और सरसों की बुवाई की थी। इसको एक माह से भी अधिक समय गुजर गया है। अब खेतों में खड़ी गेहूं, सरसों, और आलू, ईख की फसल को पानी की अति आवश्कता है, लेकिन नहर में पानी न आने के कारण किसान फसल की सिचाई के लिए परेशान हो रहे हैं। किसानों ने खेतों की सिचांई करने के लिए नहर विभाग के आला अधिकारियों से पानी छोड़ने की मांग की है। जल संवाद गोष्ठी आयोजित
संवाद सूत्र, डिबाई : जल संचय करने के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक को सोमवार को राजघाट में जल संवाद गोष्ठी हुई।
रघुनाथ बारह सैनी इंटर कालेज में आयोजित गोष्ठी में नेहरू युवा केंद्र से आए जिला युवा अधिकारी आकर्ष दीक्षित ने कहा कि जीवन में जल का बहुत महत्व है। इसे व्यर्थ न करें तथा जल का संचय करें। उन्होंने जल संचयन के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम के दौरान मौजूद कई लोगों ने जल की महत्ता के बारे में विचार व्यक्त किए। इस मौके पर कालेज के प्रधानाचार्य प्रवेश कुमार, नमामि गंगे परियोजना से अमित कुमार पाठक सहित लक्ष्मण तिवारी, वेदप्रकाश समर, नटवर सिंह, पवन शमर, पयरवरण मित्र पंकज कुमार, हरिमोहन, स्वयं सेवक कपिल कुमार शमर, मां भागीरथी सेवा ट्रस्ट के कर्णवास के संस्थापक एडवोकेट वेदप्रकाश सहित गणमान्य लोग मौजूद रहे।