जन्माष्टमी पर मंदिरों में सजे रामडोल

बुधवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई। इस मौके पर जहां विभिन्न मंदिरों में रामडोल सजाया गया। श्रद्धालुओं ने रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों की झालरों से सजे पालने में विराजमान लड्डू गोपाल को झूला झूलाया। मंदिरों में कोरोना काल के कारण झांकियां नहीं सजाई गई। इससे श्रद्धालु विशेष कर बच्चे मायूस हुए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 10:58 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 10:58 PM (IST)
जन्माष्टमी पर मंदिरों में सजे रामडोल
जन्माष्टमी पर मंदिरों में सजे रामडोल

बिजनौर, जेएनएन। बुधवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई। इस मौके पर जहां विभिन्न मंदिरों में रामडोल सजाया गया। श्रद्धालुओं ने रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों की झालरों से सजे पालने में विराजमान लड्डू गोपाल को झूला झूलाया। मंदिरों में कोरोना काल के कारण झांकियां नहीं सजाई गई। इससे श्रद्धालु विशेष कर बच्चे मायूस हुए।

श्रद्धालुओं ने व्रत रखा एवं घर के मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का रामडोल सजाकर पूजा-अर्चना की। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर बाबा हरिहर मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर, पंचमुखी हनुमान, पंचायती मंदिर, रामलीला कालोनी स्थित मंदिर, सब्जी मंडी स्थित पुराना शिव मंदिर समेत प्राय: सभी मंदिरों में लड्डू गोपाल का पालना सजाया गया। श्रद्धालुओं ने श्रद्धालुओं ने पालने में विराजमान लड्डू गोपाल को प्रेम एवं श्रद्धाभाव से झूला झुलाया। मंदिरों में पहुंचे श्रद्धालु कोरोना के भयवश शारीरिक दूरी का पालन करते दिखाई दिए।

नूरपुर : कृष्ण जन्माष्टमी पर नगर के मंदिरों को झालरों व फूलों से सजाया गया। कोरोना महामारी के चलते कम श्रद्धालुओं के साथ मदिरों में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया गया। साथ ही कृष्ण जन्माष्टमी पर निकलने वाली शोभायात्रा को इस वर्ष स्थगित कर दिया गया है। कोविड-19 के चलते इस बार मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ पर रोक होने की वजह से अधिकांश लोगों ने अपने घरों में ही पूजा अर्चना कर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया।

ऊमरी: श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव ग्रामीण अंचलों में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। गांव के मंदिरों को झालरों व पुष्प मालाओं द्वारा सजाया गया। मंदिरों में रामचरित्रमानस के अखंड पाठ का आयोजन किया गया। मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण की श्रद्धालुओं ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए पूजा-अर्चना की।

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