बुलंदशहर के पूर्व विधायक की पत्नी की हत्या में दोनों बेटे बरी

जेएनएन बुलंदशहर बुलंदशहर सदर सीट से दो बार विधायक रहे दिवंगत हाजी अलीम की दूसरी पत्नी रिहाना की हत्या के मामले में उनके दोनों बेटों को कड़कड़डूमा कोर्ट ने बरी कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 11:10 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 11:10 PM (IST)
बुलंदशहर के पूर्व विधायक की पत्नी की हत्या में दोनों बेटे बरी
बुलंदशहर के पूर्व विधायक की पत्नी की हत्या में दोनों बेटे बरी

जेएनएन, बुलंदशहर:

बुलंदशहर सदर सीट से दो बार विधायक रहे दिवंगत हाजी अलीम की दूसरी पत्नी रिहाना की हत्या के मामले में उनके दोनों बेटों को कड़कड़डूमा कोर्ट ने बरी कर दिया है। सुबूतों के अभाव में कोर्ट ने अलीम के बेटे अनस व दानिश के साथ ही उनके कारोबारी मित्र नदीम को बरी कर दिया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रविद्र बेदी के कोर्ट ने आठ वर्ष पूर्व हुई हत्या के मामले में ये फैसला नाया। अनस और दानिश के वकील जेड बाबर चौहान ने बताया कि रिहाना जाफराबाद में रहती थीं। अक्टूबर, 2013 में घर के अंदर उनकी हत्या हुई थी। उनके शरीर पर चाकू और गोलियों के निशान थे। रिहाना की बहन फरजाना ने उनके सौतेले बेटों पर हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस ने केस दर्ज कर अलीम के दोनों बेटों अनस, दानिश और नदीम को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस का कहना था कि हत्या वाले दिन तीनों की मोबाइल लोकेशन जाफराबाद की थी। नदीम के पास से चाकू भी बरामद किया गया था। दानिश के फिगरप्रिट घर में मिले थे। उन्होंने कोर्ट में दलील दी कि हत्या वाले दिन अलीम के दोनों बेटे मीट के कारोबार के सिलसिले में कारोबारी नदीम से मिलने बुलंदशहर से जाफराबाद आए थे, अनस और और दानिश अपनी सौतेली मां से बहुत प्यार करते थे। अक्सर उनसे मिलने के लिए उनके घर जाते थे, ईद का मौका था। रिहाना ने दोनों सौतेले बेटों के बच्चों के लिए कपड़ों की खरीदारी की थी। दानिश अपने भाई अनस को नदीम के पास छोड़कर कुछ देर के लिए रिहाना से मिलने चला गया और चाय-पानी पीकर कपड़े लेकर वापस उनके पास आ गया। अगले दिन जब घरेलू सहायिका रिहाना के घर पहुंची तो देखा कि रिहाना का शव फर्श पर पड़ा है। पुलिस ने लोकेशन के आधार पर तीनों को गिरफ्तार कर लिया।

कड़कड़डूमा कोर्ट से 2017 में अनस को जमानत मिल गई, जबकि दानिश की अर्जी खारिज कर दी गई। 2018 में दिल्ली हाई कोर्ट से दानिश को जमानत मिली। वकील ने रविद्र बेदी के कोर्ट में दलील दी कि मोबाइल लोकेशन एक ही क्षेत्र की होने से यह साबित नहीं होता कि आरोपितों ने रिहाना की हत्या की थी। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर बताया था कि हत्या का समय रात करीब नौ बजे का था, जबकि उस वक्त अलीम के दोनों बेटे बुलंदशहर में थे। नदीम के पास से जो चाकू बरामद हुआ, उससे किसी पर ताबड़तोड़ वार मुमकिन नहीं थे। रिहाना के शरीर पर गोलियों के निशान भी थे, लेकिन पुलिस हथियार बरामद नहीं कर सकी।

वकील ने बताया कि पूर्व विधायक हाजी अलीम ने कोर्ट में गवाही दी थी कि जिस घर में उनकी पत्नी की हत्या हुई, वहां पर काफी नकदी और गहने रखते थे, जो गायब थे। जब पुलिस से कोर्ट में पूछा गया कि पुलिस ने लूट या डकैती की दृष्टि से मामले की जांच की तो पुलिस ने इन्कार कर दिया।

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