कोरोना लील गया हजारों जिदगी, सरकार मान रही सिर्फ तीन
प्रदेशभर के हजारों शिक्षक और कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना लील गया लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने मुआवजे के लिए सिर्फ तीन शिक्षकों के मरने की सूचना राज्य चुनाव आयोग को भेजी है। जिस पर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने नाराजगी जताई है। शासन-प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाए हैं। संगठन की जिला इकाई ने बुधवार को वर्चुअल बैठक बुलाकर साथियों के आश्रितों के एक करोड़ मुआवजा दिलाने के लिए रणनीति बनाई। शासन-प्रशासन समय रहते नहीं चेता तो उच्चतम न्यायालय की शरण में जाने की चेतावनी भी दी है।
बुलंदशहर, जेएनएन। प्रदेशभर के हजारों शिक्षक और कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना लील गया, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने मुआवजे के लिए सिर्फ तीन शिक्षकों के मरने की सूचना राज्य चुनाव आयोग को भेजी है। जिस पर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने नाराजगी जताई है। शासन-प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाए हैं। संगठन की जिला इकाई ने बुधवार को वर्चुअल बैठक बुलाकर साथियों के आश्रितों के एक करोड़ मुआवजा दिलाने के लिए रणनीति बनाई। शासन-प्रशासन समय रहते नहीं चेता तो उच्चतम न्यायालय की शरण में जाने की चेतावनी भी दी है।
जिले 42 शिक्षकों को लील चुका है कोरोना
बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षक एवं कर्मचारियों ने अपनी जान पर खेलकर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की जिम्मेदारी निभाई। जिसकी वजह से प्रदेश भर में बेसिक शिक्षा के 1621 शिक्षक और कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आए और असमय काल के गाल में समा गए हैं। इनमें जिले के 24 शिक्षक एवं कर्मचारी शामिल रहे। जबकि जिले में माध्यमिक शिक्षा के 18 शिक्षक एवं कर्मचारी भी अब तक संक्रमण की वजह से जान गंवा चुके हैं। इन शिक्षक एवं कर्मचारियों में जो प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद संक्रमित हुए वह चुनाव से पहले ही दम तोड़ गए। जबकि कुछ मतदान और मतगणना के बाद जिदंगी की जंग हार गए।
बोले शिक्षक::::::::::::
साथियों के आश्रितों को दिलाएंगे हक
विभागीय अनु सचिव का पत्र सामने आने पर शिक्षक संघ आहत है। चुनाव ड्यूटी की वजह से हमारे साथियों को कोरोना लील गया। विभाग और सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये के खिलाफ वर्चुअल बैठक बुलाई गई। साथियों के आश्रितों को हक दिलाने के लिए मांग उठाई गई।
कौशल किशोर, जिला उपाध्यक्ष, प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ।
उच्चतम न्यायलय की लेंगे शरण
विभाग और सरकार का यह कृत्य निदनीय है। उच्च न्यायालय के आदेशानुसार सभी कोरोना की वजह से मरने वाले शिक्षक एवं कर्मचारियों को एक करोड़ रुपये देने की मांग की है। विभाग और सरकार से राहत नहीं मिली तो उच्चतम न्यायालय की शरण ली जाएगी।
सुरेंद्र यादव, जिलाध्यक्ष, प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ।