कोरोना ने अभिभावक छीने, कुरीतियों ने भविष्य
कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को प्रदेश सरकार आसरा देगी। ऐसे बच्चों को सरकारी छत मुहैया कराई जाएगी निश्शुल्क शिक्षा दी जाएगी और भविष्य संवारने के लिए आर्थिक मदद भी देने की घोषणा की गई है। संक्रमण के दौर में अभिभावकों से बिछड़ने वाले बच्चों के सामने एक विडंबना आन खड़ी हुई है। अभिभावकों के साथ-साथ स्वजन ने इनकी कोरोना रिपोर्ट और चिकित्सीय जांच संबंधी समस्त कागजात का भी अंतिम संस्कार कर दिया है। ऐसे में यह बच्चें उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लिए पात्रता की श्रेणी में नहीं आ रहे हैं।
जेएनएन, बुलंदशहर । कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को प्रदेश सरकार आसरा देगी। ऐसे बच्चों को सरकारी छत मुहैया कराई जाएगी, निश्शुल्क शिक्षा दी जाएगी और भविष्य संवारने के लिए आर्थिक मदद भी देने की घोषणा की गई है। संक्रमण के दौर में अभिभावकों से बिछड़ने वाले बच्चों के सामने एक विडंबना आन खड़ी हुई है। अभिभावकों के साथ-साथ स्वजन ने इनकी कोरोना रिपोर्ट और चिकित्सीय जांच संबंधी समस्त कागजात का भी अंतिम संस्कार कर दिया है। ऐसे में यह बच्चें उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लिए पात्रता की श्रेणी में नहीं आ रहे हैं।
जिला प्रोबेशन को ऐसे बच्चों को चिह्नित करने की जिम्मेंदारी दी गई जो कोरोना काल में अपने अभिभावकों को खो चुके हैं। ब्लाक स्तर से जांच कराई गई तो जनपद में 32 बच्चे चिह्नित कर लिए गए। इनका डाटा प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के पोर्टल पर अपलोड करने की कवायद चल रही है। 32 में से नौ ऐसे बच्चे हैं जिनके अभिभावकों की मौत कोरोना से हुई है, लेकिन ग्रामीणों और स्वजन ने दाह संस्कार के दौरान उनके चिकित्सीय संबंधी कागजात, दवाइयां और कोरोना रिपोर्ट का भी दाह संस्कार कर दिया। ऐसे में पोर्टल पर इन बच्चों का ब्यौरा बगैर कोरोना रिपोर्ट के दर्ज नहीं हो पा रहा है। ऐसे में इन बच्चों का भविष्य कुरीतियों के जंजाल में फंसता दिखाई दे रहा है।
यह है योजना
प्रदेश सरकार कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के निवास का प्रबंध करेगी, उत्तम स्वास्थ्य, बेहतर शिक्षा और भविष्य संवारने के लिए आर्थिक सहायता देगी। अनाथ हुए बच्चों को चार हजार रुपये प्रतिमाह प्रति बच्चे की दर से वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। 10 वर्ष से कम आयु के ऐसे सभी बच्चे जिनके गार्जियन/एक्सटेंडेड फैमिली नहीं हैं तो सरकार की सहायता से अथवा अपने संसाधनों से संचालित राजकीय बाल गृह (शिशु) में आवासित किया जाएगा। बालिकाओं को कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में रखा जाएगा। शादी के दौरान एक लाख रुपये तथा पढ़ाई के दौरान टेबलेट और लेपटाप आदि की सुविधा दी जाएगी।
यहां दे सूचना, करें मदद
कोरोना काल में अनाथ बच्चों की जानकारी चाइल्ड लाइन हैल्पलाइन नंबर 1098 तथा महिला हैल्पलाइन 181 पर फोन कर जानकारी दे सकते हैं। इसके साथ ही 9410284415 तथा 9450368127 पर काल करके जानकारी दें।
इन्होंने कहा..
शासन के निर्देशों पर 32 बच्चों का ब्यौरा एकत्र कर लिया गया है। नौ बच्चे ऐसे हैं जिनके पास अभिभावकों की कोरोना पॉजिटिव संबंधी रिपोर्ट नहीं है। रिपोर्ट माता अथवा पिता के अंतिम संस्कार के दौरान जला दी गई हैं। स्वास्थ्य विभाग से इनका डाटा मांगा गया है।
-नागेंद्र पाल सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी।