कोरोना ने घटाया बैंकों में कारोबार

बढ़ता कोरोना संक्रमण न केवल लोगों की सांसो पर भारी पड़ रहा है बल्कि बैंकों में लेन-देन पर भी असर डालने लगा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 05:35 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 05:35 PM (IST)
कोरोना ने घटाया बैंकों में कारोबार
कोरोना ने घटाया बैंकों में कारोबार

बुलंदशहर, जेएनएन। बढ़ता कोरोना संक्रमण न केवल लोगों की सांसो पर भारी पड़ रहा है बल्कि बैंकों में लेन-देन पर भी असर डालने लगा है। महामारी के संकट काल में खाते से रकम निकालने के लिए तो ग्राहकों की भारी भीड़ बैंकों में उमड़ रही है। जबकि जमा करने वालों की संख्या घट गई है। नतीजन, जिले की बैंक शाखाओं में प्रतिदिन औसत 200-250 करोड़ होने वाले कारोबार का आंकड़ा घटकर 50-70 करोड़ से भी नीचे सिमट गया है।

दरअसल, कोरोना के इस संकट काल में लाकडाउन या कोरोना क‌र्फ्यू लगने से सब कुछ हैं। बैंक शाखाओं को भी सप्ताह में चार दिन खोला जा रहा हैं। बैंककर्मी भी पाजीटिव निकल रहे हैं। ऐसे में संक्रमण से बचाव के साथ शाखाओं में काउंटर पर व्यवस्था बनाने का दबाव बढ़ गया है। दोपहर दो बजे तक बैंक शाखाओं को खोलकर सिर्फ पांच-पांच ग्राहकों को ही अंदर आने की अनुमति दी जा रही है। शनिवार से सोमवार तक बैंक शाखाओं को बंद रखा जा रहा है। मंगलवार को बंदी के बाद बैंक शाखाओं के खोलने से पहले ही बाहर ग्राहकों की भारी भीड़ जमा हो रही है। इस भीड़ में खाते में रकम जमा करने वालों से अधिक संख्या रकम निकासी करने वालों की होती है। ऐसे में बैंकों में रकम कम जमा हो रही है और निकासी ज्यादा हो रही है। कोरोना की इस दूसरी लहर में बैंकों के कारोबार पर बुरा असर डाल दिया है।

नहीं हो रहा व्यापारिक लेन-देन

यूनाईटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स के जिला संयोजक विक्रम सिंह राघव बताते हैं कि इस समय जिले की बैंक शाखाओं में नकद जमा-निकासी, चेक क्लियरेंस, आरटीजीएस, सरकारी बैंकिंग ही रही है। बढ़ते कोरोना संक्रमण में बाजार से लेकर सब कुछ बंद हैं। ऐसे में व्यापारिक लेन-देन नहीं हो रहा। इसलिए बैंकों में कारोबार पर असर पड़ रहा है।

इन्होंने कहा..

बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से बैंकों में इस समय करीब 50-70 करोड़ ही प्रतिदिन कारोबार हो रहा है। जबकि पहले 200-250 करोड़ का कारोबार होता था। क्योंकि इस समय लोग जरूरत के लिए ही लोग खाते में रकम जमा कर रहे हैं। जबकि निकासी इससे काफी अधिक हो रही है।

- एलडीएम, विजय गांधी।

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