सरकारी उदासीनता से गोशाला का निर्माण अधर में

बीबीनगर क्षेत्र के गांव मडौना जाफराबाद में गोशाला निर्माण विभागीय लापरवाही में फंस गया है जबकि बिना आश्रय स्थल के बेसहारा गोवंश आवारा कुत्तों का निवाला बनकर तड़प-तड़प कर दम तोड़ रहे हैं। सरकारी अमले की उदासीनता के चलते आए दिन हो रही गोवंश की मौत से ग्रामीणों में आक्रोश है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 06:26 PM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 06:26 PM (IST)
सरकारी उदासीनता से गोशाला का निर्माण अधर में
सरकारी उदासीनता से गोशाला का निर्माण अधर में

बुलंदशहर, जेएनएन। बीबीनगर क्षेत्र के गांव मडौना जाफराबाद में गोशाला निर्माण विभागीय लापरवाही में फंस गया है, जबकि बिना आश्रय स्थल के बेसहारा गोवंश आवारा कुत्तों का निवाला बनकर तड़प-तड़प कर दम तोड़ रहे हैं। सरकारी अमले की उदासीनता के चलते आए दिन हो रही गोवंश की मौत से ग्रामीणों में आक्रोश है।

मडौना जाफराबाद में ग्राम पंचायत की संवेदनहीनता व सरकारी विभागों की उदासीनता का गठबंधन गांव में बेसहारा गोवंश की अकाल मौत का कारण बन रहा है। करीब पांच माह से गोशाला के निर्माण के लिए चिन्हित भूमि लावारिस पड़ी है, जिस पर ग्रामीण उपले पाथ रहे हैं, जबकि गोवंश आवारा कुत्तों का शिकार बन रहे हैं। गत जनवरी में शासन के निर्देश पर प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर एक गोआश्रय स्थल प्रस्तावित था। खरकाली न्याय पंचायत में गोशाला निर्माण के लिए मडौना जाफराबाद को चुना गया। जिसके लिए ग्राम पंचायत द्वारा गांव में गोशाला का निर्माण शुरू करा दिया गया, लेकिन निर्माण के उपरांत पता चला कि उक्त गोशाला के लिए कोई नियमित रास्ता नहीं है। दैनिक जागरण द्वारा उक्त मुद्दा प्रमुखता से उठाए जाने पर अधिकारियों द्वारा गोशाला निर्माण को निरस्त कर गांव में अन्य स्थान पर भूमि चिन्हित करने के आदेश दिए गए। इस पर राजस्व विभाग ने दूसरे स्थान पर भूमि का प्रस्ताव पारित कर गोशाला निर्माण का निर्णय लिया और करीब पांच माह पूर्व उक्त भूमि की मेड़बंदी भी करा दी गई। लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते गोशाला को निर्माण नहीं हुआ। नोडल अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी महिपाल सिंह ने गो आश्रय स्थल के अभाव में गोवंशों की मौत को स्वीकारते हुए कहा कि कुछ लोगों के असहयोग के कारण गोशाला का निर्माण नहीं हो पा रहा है।

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