सीएनजी बिना नहीं होगा बसों का संचालन
अब जिले में दस साल की मियाद पूरी करने वाली बसों को डीजल की बजाय सीएनजी में परिवर्तित कराना अनिवार्य होगा। इसके बिना जिले के अलावा एनसीआर क्षेत्र में इन बसों का संचालन नहीं हो सकेगा। एनजीटी की ओर बस संचालकों को सीएनजी लगवाने के लिए दी गई समय सीमा समाप्त होने पर परिवहन विभाग हरकत में आ गया है।
जेएनएन, बुलंदशहर। अब जिले में दस साल की मियाद पूरी करने वाली बसों को डीजल की बजाय सीएनजी में परिवर्तित कराना अनिवार्य होगा। इसके बिना जिले के अलावा एनसीआर क्षेत्र में इन बसों का संचालन नहीं हो सकेगा। एनजीटी की ओर बस संचालकों को सीएनजी लगवाने के लिए दी गई समय सीमा समाप्त होने पर परिवहन विभाग हरकत में आ गया है। आरटीओ ने क्षेत्र के सभी बस संचालकों को तलब कर एनजीटी के आदेश का पालन करने के कड़े निर्देश दिए हैं।
दरअसल, बस संचालकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने वर्ष 2017 यह आदेश सुनाया था कि दस साल पूरी करने वाली बसें यही सही हालत में है तो उन्हें डीजल की बजाय सीएनजी का इस्तेमाल करके एनसीआर क्षेत्र में संचालन कराया जा सकता है। बस संचालकों को राहत देते हुए कहा कि यदि क्षेत्र में सीएनजी पंप है तो दिसंबर 2020 तक डीजल बसों को सीएनजी में परिवर्तित कराना होगा। इस आदेश की समय सीमा पिछले साल समाप्त हो चुकी है। जबकि अभी तक जिले में करीब 200 बसें ऐसी है जो दस साल की मियाद पूरी कर चुकी है। जिनमें सीएनजी लगावाने की कवायद तेज हो गई है। 15 साल के बाद हर हाल में हटाना होगा
एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए एनजीटी ने डीजल वाहनों का संचालन दस साल और पेट्रोल या सीएनजी लगे वाहनों को पांच साल और यानि 15 साल तक संचालन की अनुमित दी है। इसके बाद उन्हें एनसीआर क्षेत्र से हटाना होगा। इन्होंने कहा.
एनजीटी के आदेशानुसार जिन बसों की मियाद दस साल पूरी हो गई है, उन्हें सीएनजी लगवानी होगी। इसलिए ऐसे बस संचालकों को सीएनजी लगवाने के निर्देश दिए गए हैं।
मुहम्मद कय्यूम, एआरटीओ प्रशासन