29 साल बाद तमंचा रखने का आरोपित हुआ बरी

अगौता थाना पुलिस ने लगभग 29 साल पहले जिस युवक को जवानी में तमंचे के साथ गिरफ्तार करके जेल भेजा था अब उसे अदालत ने बरी कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 10:17 PM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 05:01 AM (IST)
29 साल बाद तमंचा रखने का आरोपित हुआ बरी
29 साल बाद तमंचा रखने का आरोपित हुआ बरी

बुलंदशहर, जेएनएन। अगौता थाना पुलिस ने लगभग 29 साल पहले जिस युवक को जवानी में तमंचे के साथ गिरफ्तार करके जेल भेजा था, अब उसे अदालत ने बरी कर दिया है। युवक अब युवक नहीं है। बुजुर्ग हो चुका है। उसे बरी होने में 29 साल का समय लगा। उसकी पूरी जवानी जेल और अदालत के चक्कर काटते हुए कट गई। एक पुलिसकर्मी के संदिग्ध गवाही के आधार पर आरोपित को बरी किया गया है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, अगौता थाना पुलिस 20 अप्रैल 1991 की रात गश्त पर थी। जब पुलिस सुबह के चार बजे हैदराबाद गांव के पास पहुंची तो एक युवक दिखाई दिया। जिसे पुलिस ने रोका और उसकी तलाशी ली। पुलिस का दावा था कि तलाशी के दौरान युवक के पास से एक तमंचा और तीन कारतूस मिले। उसने पूछताछ में अपना नाम जगदीप पुत्र अतर सिंह निवासी गांव हैदराबाद थाना अगौता बताया। जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके उसे जेल भेज दिया। हालांकि, कुछ समय बाद वह जमानत पर आ गया। पुलिस ने मुकदमे में चार्जशीट दी। जिसके बाद मुकदमे का ट्रायल न्यायालय प्रथम सिविल जज जूडिशियल मजिस्ट्रेट मेघा अग्रवाल की अदालत में शुरू हुआ। इस मामले में न्यायालय में पुलिसकर्मी राजपाल सिंह, मुन्नालाल, महीपाल सिंह आदि के बयान हुए। पुलिसकर्मी राजपाल सिंह के बयान संदेहास्पद मिले। जिसके बाद न्यायालय ने फैसला सुनाया कि हैदराबाद निवासी जगदीप को बरी कर दिया। बता दें कि जिस पुलिसकर्मी राजपाल ने मुकदमा दर्ज कराया और जो गवाह थे। उन दोनों की गवाही अलग-अलग पाई गई। जिस कारण आरोपित को बरी किया गया।

chat bot
आपका साथी