चुनावी गणित बिगड़ने पर बागियों को साधने की जोड़-तोड़
जिला पंचायत चुनाव नतीजा घोषित होने के बाद अब जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पाने की कवायद को जोड़ -तोड़ शुरू हो गया है। राजनीतिक दल अब बागी होकर चुनाव जीतने वालों को मनाने में जुटे हैं। निदर्लीय प्रत्याशियों को दल की रीति और नीति की दुहाई देने का दौर तेजी से चल रहा है।
जेएनएन, बुलंदशहर।
जिला पंचायत चुनाव नतीजा घोषित होने के बाद अब जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पाने की कवायद को जोड़ -तोड़ शुरू हो गया है। राजनीतिक दल अब बागी होकर चुनाव जीतने वालों को मनाने में जुटे हैं। निदर्लीय प्रत्याशियों को दल की रीति और नीति की दुहाई देने का दौर तेजी से चल रहा है।
जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में अपेक्षा के अनुसार परिणाम नहीं आने पर राजनीतिक दलों की बेचैनी बढ़ गई हैं। राजनीतिक दलों का बेचैन होना भी जायज है। राजनीतिक दलों ने पहली बार पंचायत चुनाव में विधिवत योजना बना समर्थित प्रत्याशी अधिक सीट जीतने को चुनाव मैदान में उतारे थे। जिला पंचायत की ज्यादा से ज्यादा सीट हासिल करने को पार्टी पदाधिकारियों के सथ सिलसिलेवार कई बार बैठक भी की गई थी। बैठकों में जिला पंचायत अध्यक्ष अपनी ही पार्टी का बनाने का एजेंडा रखा गया था। सभी दलों से जुड़े लोगों ने समर्थित प्रत्याशी बनने को अपनी दावेदारी पेश की थी लेकिन उनको मायुसी हाथ लगी थी। दलों से बगावत कर निदर्लीय प्रत्याशियों के रूप में जीत दर्ज करने वालों को हर कोशिश कर मनाने के प्रयास तेज हो गए हैं। दल अब इनको पार्टी की रीति-नीति और साख का हवाला दे रहे हैं। सभी दल अब सिर्फ रूठों को मनाने में पूरी ताकत के साथ लगे हैं। राजनीतिक दलों का दावा है कि निदर्लीय प्रत्याशी के रूप में पार्टी से जुड़े लोग जिपं सदस्य बने हैं। वह पार्टी से बाहर नहीं जाएंगे।
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गांव की सरकार चलाएंगी बेटिया
जिला पंचायत चुनाव में 18 बेटियां अब चूल्हा चौका के साथ गांव की सरकार भी चलाएंगी। इन 18 महिला जिपं सदस्यों से लगभग आठ 35 आयु वर्ग की है। इतना ही नहीं एक दर्जन से अधिक युवा 25 से 35 आयु वर्ग के हैं।
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भाजपा छोड़ अन्य दलों की कम हुई सीट
2015 - 2021
भाजपा- 11 - भाजपा - 11
सपा - 12 - सपा - 00
बसपा- 12 - बसपा - 11
रालोद- 03 - रालोद - 06
निदर्लीय -15 - निर्दलीय- 24