गैरहाजिरी पर 65 शिक्षकों का काटा वेतन
परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को सौंपी गई जिम्मेदारी में लापरवाही बरतना महंगा पड़ गया। पिछले माह किए गए आनलाइन निरीक्षण में 65 शिक्षकों की मनमानी उजागर हो गई। जिस पर बीएसए ने गैरहाजिर वाले दिन का वेतन काट दिया हैं। इनमें विभिन्न ब्लाक क्षेत्र के महिला-पुरुष शिक्षक शामिल हैं।
जेएनएन, बुलंदशहर। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को सौंपी गई जिम्मेदारी में लापरवाही बरतना महंगा पड़ गया। पिछले माह किए गए आनलाइन निरीक्षण में 65 शिक्षकों की मनमानी उजागर हो गई। जिस पर बीएसए ने गैरहाजिर वाले दिन का वेतन काट दिया हैं। इनमें विभिन्न ब्लाक क्षेत्र के महिला-पुरुष शिक्षक शामिल हैं।
दरअसल, कोरोना संक्रमण का कहर कम होने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय स्कूलों को शिक्षकों एवं स्टाफ के लिए खोल दिया। हालांकि बच्चों के आने पर मनाही रही। शिक्षकों एवं स्टाफ को सुबह आठ से दोपहर बजे तक विद्यालयों में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए। प्रेरणा एप पर बच्चों का डाटा फीडिग, मिड-डे-मील भत्ते के लिए डाटा फीडिग, बैंक डिटेल, नामांकन सहित अन्य विभागीय योजनाओं का लक्ष्य पूरा करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। शिक्षक विद्यालय आने-जाने में मिली जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही बरतने लगे। बीएसए ने कार्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम से जुलाई माह में जब आनलाइन शिक्षकों के मोबाइल पर वीडियो काल कराई तो लापरवाही की हकीकत सामने आ गई। इसी तरह संबंधित खंड शिक्षाधिकारियों ने भी आनलाइन निरीक्षण में शिक्षकों को गैरहाजिर पकड़ लिया। जिस पर बीएसए ने इन लापरवाह 65 शिक्षकों की वेतन कटौती की है।
इन्होंने कहा..
परिषदीय स्कूल बच्चों के लिए भले ही बंद हो, लेकिन शिक्षकों को विद्यालय पहुंचकर मिली जिम्मेदारी निभानी है। शिक्षकों को समय से स्कूल पहुंचकर योजनाओं का लक्ष्य पूरा करना है। नामांकन का भी ग्राफ बढ़ाना है, लेकिन शिक्षक स्कूल पहुंचने की बजाय मनमानी कर रहे हैं। आनलाइन निरीक्षण में गैर हाजिर मिलने वाले शिक्षकों के वेतन कटौती के निर्देश दिए हैं।
अखंड प्रताप सिंह, बीएसए