तहेरे और चचेरे भाई की मौत से गांव में मातम

अमरोहा के नौगावां क्षेत्र की गंगनहर पुल पर हुए हादसे में गांव युसूफा निवासी तहेरे और चचेरे भाई की मौत से जहां परिजनों में कोहराम मचा हुआ है वहीं गांव में मातम पसरा हुआ है। हादसे में परिवार के ही घायल दो युवकों का मेरठ में इलाज चल रहा है। उनकी हालत भी चिताजनक बताई जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 10:57 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 10:57 PM (IST)
तहेरे और चचेरे भाई की मौत से गांव में मातम
तहेरे और चचेरे भाई की मौत से गांव में मातम

बिजनौर, टीम जागरण। अमरोहा के नौगावां क्षेत्र की गंगनहर पुल पर हुए हादसे में गांव युसूफा निवासी तहेरे और चचेरे भाई की मौत से जहां परिजनों में कोहराम मचा हुआ है, वहीं गांव में मातम पसरा हुआ है। हादसे में परिवार के ही घायल दो युवकों का मेरठ में इलाज चल रहा है। उनकी हालत भी चिताजनक बताई जा रही है।

गांव निवासी 60 वर्षीय सोमपाल की माता का तीन दिन पूर्व निधन हो गया था। सोमवार सुबह सोमपाल अपने चचेरे भाई रामपाल, परिवार के भाई जयवेंद्र सिंह व मदन के साथ कार से अमरोहा के तिगरी गंगा घाट पर अस्थि विसर्जन करने जा रहे थे। रास्ते में नौगावां की गंगनहर के पास पिकअप गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसे में सोमपाल व उसके चचेरे भाई की मौत हो गई, जबकि अन्य दो घायल हो गए। हादसे की सूचना मिलते ही स्वजन में कोहराम मच गया। सोमपाल और रामपाल खेती का कार्य करते थे। सोमपाल और रामपाल के दो-दो पुत्र हैं। हादसे की सूचना मिलते ही ग्रामीण और रिश्तेदार उनके यहां पहुंच गए। परिवार की महिलाओं का रो-रोककर बुरा हाल है। वहीं, अन्य स्वजन दो घायलों के साथ मेरठ के अस्पताल में पहुंच गए हैं। एक ही परिवार में दो मौत होने तथा दो लोग घायल होने से गांव में भी माहौल गमगीन बना हुआ है। शाम तक दोनों के शव गांव नहीं पहुंचे थे। विभिन्न मांगों को लेकर दिया धरना

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कासमपुर गढ़ी में संविदा कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल कर एक दिवसीय धरना दिया। इससे अस्पताल में आने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बाद में उन्होंने मांगों से संबंधित ज्ञापन पीएचसी प्रभारी को सौंपा।

सोमवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एकत्र हुए। इस दौरान उन्होंने अपनी विभिन्न मांगों रिक्त पदों पर समायोजन, समान कार्य समान वेतन, जाब सिक्योरिटी, स्थानांतरण आदि को लेकर पीएचसी परिसर में एक दिवसीय धरने पर बैठ गए तथा नारेबाजी करने लगे। इससे चिकित्सा व्यवस्था भी चरमरा गई और यहां पर दवाई लेने आने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बाद में उन्होंने मांगों से संबंधित ज्ञापन पीएचसी प्रभारी को सौंपा। इस दौरान डा. संजय सिंह, डा. ममता, अलका रानी, नीरज कुमार, मगनेस कुमार, गुलशन परवीन, मोहनी यादव, पिकी यादव, अर्चना कुमारी, रीना देवी, ममता देवी, हेमलता देवी, नफीसा, ज्योति रानी, विमलेश देवी, मनोज कुमार, निखिल कुमार आदि शामिल रहे।

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