बदहाल तालाब के सुंदरीकरण की है जरूरत
तहसील धामपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में कई तालाबों का अस्तित्व अब समाप्त होने के कगार पर है। बहुत से ऐसे तालाब हैं जो सरकारी तंत्र की अनदेखी के चलते बदहाल अवस्था में पहुंच चुके हैं। ग्रामीण पिछले कई वर्षो से इनके सुंदरीकरण व जीर्णोद्धार की मांग कर रहे हैं।
बिजनौर, जेएनएन। तहसील धामपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में कई तालाबों का अस्तित्व अब समाप्त होने के कगार पर है। बहुत से ऐसे तालाब हैं, जो सरकारी तंत्र की अनदेखी के चलते बदहाल अवस्था में पहुंच चुके हैं। ग्रामीण पिछले कई वर्षो से इनके सुंदरीकरण व जीर्णोद्धार की मांग कर रहे हैं। यदि इस ओर थोड़ा सा भी ध्यान दिया जाए तो यह तालाब पहले जैसी अवस्था में पहुंच सकते हैं। इससे ग्रामीणों को बड़ा लाभ मिल सकता है। नहटौर क्षेत्र के गांव रायपुर मलिहाबाद दुगरी में भी ऐसा ही एक बड़ा तालाब है। करीब आठ बीघा में फैला यह तालाब कई दशकों से ग्रामीणों के लिए लाभप्रद रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक एक दशक पहले तक ग्रामीण यहां अपने पशुओं को पानी पिलाने, चराने और नहलाने के लिए लाते थे, लेकिन धीरे-धीरे तालाब का पानी गंदा होने और आसपास के ग्रामीणों द्वारा कूड़ा डालने से यह दूषित हो गया। साथ ही इसके चोरों ओर बाउंड्री भी नहीं है, जिससे आसपास का कूड़ा तालाब में जाता है।
-मछली पालन में होता है इस्तेमाल
ग्रामीण सुरेश कुमार, अमित चौहान, सलीम, विवेक आदि का कहना है कि यह तालाब वर्ष भर पानी से भरा रहता है। कुछ साल पहले इसमें सिघाड़े उगाने का ठेका दिया जाता था। लेकिन सिघाड़े में आमदनी कम होने से इस कार्य को बंद कर दिया गया। कुछ समय पूर्व ग्राम पंचायत में इस तालाब का ठेका मछली पालन को दे दिया है। ठेके की रकम के रूप में पंचायत को इससे अच्छी आमदनी भी होती है।
ग्रामीणों की मांग है कि तालाब का यदि सुंदरीकरण कर दिया जाए तो मछली पालन के साथ ही ग्रामीणों के पशुओं आदि के लिए भी लाभ मिल सकता है। इस समय तालाब की बाउंड्री नहीं है, आसपास की गंदगी तालाब में ही जाती है। ग्रामीणों ने बाउंड्री कराते हुए यहां छायादार वृक्ष और ग्रामीणों के बैठने के लिए बेंच आदि डलवाने की मांग की है। एडीओ पंचायत प्रमोद कुमार का कहना है कि गंदगी की सफाई कराकर ग्राम प्रधान से बैठक करके इसके सुदंरीकरण की कार्य पर जल्द काम शुरू कराया जाएगा।