बदहाल मार्ग का दंश झेल रहे ग्रामीण

रायपुर सादात क्षेत्र के ग्राम टांडामाईदास से परमावाला-नजीबाबाद मार्ग पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुका है। इस मार्ग की हालत देखकर ऐसा लगता है कि कभी यह मार्ग बना ही नहीं। हालात यह हैं कि आज गड्ढों में सड़क दिखाई दे रही है। क्षेत्रीय ग्रामीण एवं ग्राम प्रधान पिछले पांच वर्षों में शासन-प्रशासन को कई बार शिकायतें भेजकर मार्ग बनवाने की गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 02 Jun 2021 11:22 AM (IST) Updated:Wed, 02 Jun 2021 11:22 AM (IST)
बदहाल मार्ग का दंश झेल रहे ग्रामीण
बदहाल मार्ग का दंश झेल रहे ग्रामीण

जेएनएन, बिजनौर। रायपुर सादात क्षेत्र के ग्राम टांडामाईदास से परमावाला-नजीबाबाद मार्ग पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुका है। इस मार्ग की हालत देखकर ऐसा लगता है कि कभी यह मार्ग बना ही नहीं। हालात यह हैं कि आज गड्ढों में सड़क दिखाई दे रही है। क्षेत्रीय ग्रामीण एवं ग्राम प्रधान पिछले पांच वर्षों में शासन-प्रशासन को कई बार शिकायतें भेजकर मार्ग बनवाने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

ग्राम टांडामाईदास से परमावाला मार्ग चार किलोमीटर लंबा है। यही मार्ग आगे नजीबाबाद तक जाता है। टांडामाईदास के लोगों को नजीबाबाद जाने के लिए रायपुर सादात से होकर 20 किलोमीटर जाना पड़ता है, जबकि अगर यह मार्ग बन जाए, तो टांडामाईदास सहित एक दर्जन गांवों के ग्रामीण अपनी जरूरत पूरी करने के लिए सिर्फ 12 किलोमीटर का रास्ता तय कर नजीबाबाद पहुंच सकते हैं। यह मार्ग परमावाला के कब्रिस्तान तक सन 2006 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बना था। ग्रामीण फुरकान, इकरामुद्दीन, जोगेंद्र सिंह, संजीव कुमार, अनीस, रईस अहमद आदि ने बताया कि मानक के अनुरूप सामग्री न लगने के कारण यह मार्ग एक वर्ष बाद ही टूटने लगा था।

तत्कालीन प्रधान फुरकान सलीम ने बताया कि उन्होंने पिछली योजना में शासन-प्रशासन को अनेकों बार शिकायती पत्र देकर इस मार्ग को बनाने की गुहार की, लेकिन इस ओर न तो सरकार का ध्यान गया और न ही अधिकारियों का, इसलिए ग्रामीण नजीबाबाद जाने के लिए लंबा रास्ता तय करते हैं। जिसमें उनका अधिक धन व समय बर्बाद होता है। ग्रामीणों ने अधिकारियों से इस ओर ध्यान देने की मांग की है।

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