कटाई और थ्रेसिग में जुटे ग्रामीण और मजदूर, बाजार हुए सूने
अप्रैल माह समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में गेहूं की कटाई और थ्रेसिग का कार्य तेजी से चल रहा है। ग्रामीण से लेकर मजदूर तबका कटाई में व्यस्त नजर आ रहे हैं। जिसके चलते बाजार में चहल पहल बहुत कम दिखाई दे रही है। सुबह से लेकर शाम तक खेतों में कटाई और थ्रेसिग से समय न मिल पाने के चलते लोग बाजार के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं। ऐसे में बाजार में दुकानदार भी परेशान नजर आ रहे हैं।
जेएनएन, बिजनौर। अप्रैल माह समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में गेहूं की कटाई और थ्रेसिग का कार्य तेजी से चल रहा है। ग्रामीण से लेकर मजदूर तबका कटाई में व्यस्त नजर आ रहे हैं। जिसके चलते बाजार में चहल पहल बहुत कम दिखाई दे रही है। सुबह से लेकर शाम तक खेतों में कटाई और थ्रेसिग से समय न मिल पाने के चलते लोग बाजार के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं। ऐसे में बाजार में दुकानदार भी परेशान नजर आ रहे हैं।
बता दें कि इन दिनों ग्रामीण क्षेत्र में गेहूं की फसल की कटाई का दौर चल रहा है। बीच में चुनाव के चलते गांव में लोग व्यस्त रहे। जिसके चलते गेहूं की कटाई उतनी रफ्तार नहीं पकड़ सकी थी, लेकिन अब इसमें खासी तेजी देखी जा रही है। गांव-गांव में महिला हों या पुरुष हो या फिर बच्चे सभी गेहूं की कटाई में लगे हुए हैं। कुछ बड़े किसान मजदूरों के सहारे कटाई करा रहे हैं। उधर, दिन रात थ्रेसिग भी तेजी से हो रही है। मजदूर कटाई के जरिए साल भर के खाने के लिए मिलने वाले गेहूं के लिए कटाई कर रहे हैं। इस व्यस्तता के चलते ग्रामीण क्षेत्र के लोग बाजार की ओर कम ही रुख कर रहे हैं। जिससे बाजार सूने पड़े हैं। किसान भोर से ही खेतों पर पहुंच जाते हैं और दिन छिपने के बाद ही वापस लौटते हैं। इसका असर दुकानदारों पर देखा जा रहा है। वहीं, गन्ने की फसल भी बची होने के चलते किसान वहां भी व्यस्त हैं। दोपहर में तो बाजार पूरी तरह सूनसान नजर आ रहा है। व्यापारी परवेंद्र कुमार, अर्पित, सचिन, रामौतार आदि का कहना है कि हर वर्ष कटाई के दौरान अप्रैल माह व्यापार मंदा हो जाता है।