लापरवाही से कोरोना वैक्सीन की 23 डोज हुईं बर्बाद

कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में लाखों लोगों की मौत हो गई। जिले में भी अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है। लोग पिछले दस माह से कोरोना से बचाव की वैक्सीन आने की कामना कर रहे थे। 16 जनवरी को वैक्सीनेशन का पहला सत्र लगाया गया लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से पहले सत्र में ही वैक्सीन की 23 डोज बर्बाद हो गईं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 11:07 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 11:07 PM (IST)
लापरवाही से कोरोना वैक्सीन की 23 डोज हुईं बर्बाद
लापरवाही से कोरोना वैक्सीन की 23 डोज हुईं बर्बाद

बिजनौर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में लाखों लोगों की मौत हो गई। जिले में भी अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है। लोग पिछले दस माह से कोरोना से बचाव की वैक्सीन आने की कामना कर रहे थे। 16 जनवरी को वैक्सीनेशन का पहला सत्र लगाया गया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से पहले सत्र में ही वैक्सीन की 23 डोज बर्बाद हो गईं।

करीब दस माह के लंबे इंतजार के बाद आखिर कोरोना से बचाव की वैक्सीन आ गई। वैक्सीनेशन के पहले चरण में शासन ने जिलेभर के करीब 14000 चिकित्सा कर्मियों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। लक्ष्य के सापेक्ष जिले को 17350 डोज प्राप्त हुई हैं। देशभर के साथ पहले चरण 16 जनवरी को चिकित्साकर्मियों का वैक्सीनेशन किया गया। चार स्थानों पर लगाए गए सत्र में प्रत्येक स्थान पर 100-100 चिकित्सा कर्मियों का वैक्सीनेशन किया जाना था, लेकिन लक्ष्य के सापेक्ष 72 प्रतिशत चिकित्सा कर्मियों का टीकाकरण किया गया। सीएचसी नगीना में 82, सीएचसी स्योहारा में 83, जिला पुरुष अस्पताल में 58 एवं जिला महिला अस्पताल में 64 चिकित्साकर्मियों का वैक्सीनेशन किया गया। एक वायल में वैक्सीन की दस डोज हैं। किसी भी स्थान पर पूरी वायल खर्च नहीं हुई। इस कारण सीएचसी नगीना में आठ, स्योहारा में सात, जिला पुरुष अस्पताल में दो एवं जिला महिला अस्पताल में वैक्सीन की छह समेत 23 डोज बर्बाद हुई हैं। यदि दस लोग के वैक्सीनेशन के लिए तैयार होने पर ही वायल खोली जाती तो वैक्सीन को बर्बाद होने से रोका जा सकता था, लेकिन वैक्सीन लगाने के अति उत्साह में अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एसीएमओ डा. अशोक कुमार का कहना है कि 16 जनवरी को हुए वैक्सीनेशन में 287 लोगों को वैक्सीन लगाई गईं, जिसमें 29 वायल के स्थान पर 31 वायल खर्च की गईं। आने वाले वैक्सीनेशन सत्र में वैक्सीन की बर्बादी न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।

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