आक्सीजन सिलेंडर पाने को भटक रहे तीमारदार
कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ संक्रमण लोगों पर आफत बन रहा है तो दूसरी ओर आक्सीजन की उनकी चिता को बढ़ा रही है। हालात अभी भी बेकाबू हैं। देखने में आ रहा है कि तहसील क्षेत्र के लोग अभी आक्सीजन सिलेंडर के लिए भटकने को मजबूर हैं। स्थानीय प्रशासन भी इस ओर किसी तरह के सुधार के प्रयास नहीं कर रहा है जिससे लोग हताश और परेशान हैं।
जेएनएन, बिजनौर। कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ संक्रमण लोगों पर आफत बन रहा है तो दूसरी ओर आक्सीजन की उनकी चिता को बढ़ा रही है। हालात अभी भी बेकाबू हैं। देखने में आ रहा है कि तहसील क्षेत्र के लोग अभी आक्सीजन सिलेंडर के लिए भटकने को मजबूर हैं। स्थानीय प्रशासन भी इस ओर किसी तरह के सुधार के प्रयास नहीं कर रहा है, जिससे लोग हताश और परेशान हैं। अभी भी उन्हें जिले या दूसरे जिलों में दौड़ लगानी पड़ रही है।
केस-1:
गांव रामपुर रसूलपुर निवासी रोहित के पिता पिछले दिनों बुखार से पीड़ित हो गए। देखते ही देखते उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई और उनके शरीर में आक्सीजन की कमी हो गई। इसके लिए उन्हें आक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता पड़ी। जिसे प्राप्त करने के लिए बहुत मशक्कत की। काफी प्रयास के बाद सिलेंडर मिल सका। समय आक्सीजन नहीं मिली होती तो दिक्कत हो सकती थी।
केस-2:
गांव शिवालाकलां के अर्जुन पिछले दिनों बुखार से पीड़ित हुए। उन्हें आक्सीजन की जरूरत पड़ी। जिसके लिए उनके परिजन मारे-मारे घूमते रहे। जिले से लेकर आसपास के शहरों में भी खूब प्रयास किया, लेकिन बमुश्किल आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हो सका। हालांकि, सिलेंडर मिलने में देर हुई। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। कम नहीं हो रही मरीजों और तीमारदारों की दुश्वारियां
कोरोना की दूसरी अभी भी बेकाबू है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लाचार बना नजर आ रहा है। ऐसी स्थिति में मरीज और उनकी तीमारदारों की दुश्वारियां कम नहीं हो रही हैं। जहां मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं तो उन्हें वहां उचित इलाज नहीं मिल रहा है। ऐसे में मरीज अस्पताल में तो परिवार के लोग बाहर परेशान दिखाई दे रहे हैं।
निजी अस्पतालों में चिकित्सक मरीजों को नहीं देख रहे हैं या फिर ओपीडी ही बंद कर रखी है। एक तरफ इलाज का अभाव तो दूसरी ओर आक्सीजन की कमी। ऐसे में तीमारदारों को जद्दोजहद करनी पड़ रही है। मरीजों की सांस फूल रही है तो तीमारदार बेबस दिखाई दे रहे हैं। डिपो में भी तीमारदार की स्थिति देखकर आक्सीजन सिलेंडर दिया जा रहा है। अव्यवस्थाओं के बीच मरीजों और तीमारदारों की परेशानी बढ़ रही है।