घनघोर घटा के साथ चली आंधी और बरसे मेघ

सितंबर माह में मौसम का मिजाज कुछ अलग ही रंग दिखा रहा है। शुक्रवार देर शाम मौसम ने ऐसी करवट बदली कि आसमान में काले घने बादल छा गए और देखते ही देखते चारों ओर अंधेरा छा गया। जिसके बाद आंधी के साथ बारिश शुरू हो गई। एकाएक मौसम पूरी तरह ठंडक में बदल गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 11:21 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 11:21 PM (IST)
घनघोर घटा के साथ चली आंधी और बरसे मेघ
घनघोर घटा के साथ चली आंधी और बरसे मेघ

जेएनएन, बिजनौर। सितंबर माह में मौसम का मिजाज कुछ अलग ही रंग दिखा रहा है। शुक्रवार देर शाम मौसम ने ऐसी करवट बदली कि आसमान में काले घने बादल छा गए और देखते ही देखते चारों ओर अंधेरा छा गया। जिसके बाद आंधी के साथ बारिश शुरू हो गई। एकाएक मौसम पूरी तरह ठंडक में बदल गया।

बारिश के साथ तेज हवा चलने से बिजली भी गुल हो गई। सड़कों पर वाहन रेंगते दिखे। आंधी के चलते धान की फसल ढहने का खतरा बढ़ने से किसानों की बेचैनी बढ़ गई है। मास्टर विजयपाल सिंह, धर्मवीर सिंह धनकड़ का कहना है कि बारिश फसलों के लिए अच्छी है, लेकिन बारिश के साथ हवा चलने से धान, गन्ना फसल गिरने का डर है। अच्छी बारिश होने से सड़कों पर जल भराव हुआ। इससे राहगीरों को गुजरने में परेशानी हुई। देर शाम तक जनपद में बारिश होती रही।

चांदपुर : पिछले कुछ दिनों से मौसम में तरह-तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं। कभी तेज उमस तो कभी बारिश का सिलसिला शुरू हो जाता है। चार से पांच दिन पूर्व मौसम में भारी उमस महसूस हुई तो तीन दिन पूर्व बारिश हो गई। जिससे मौसम पूरी तरह बदल गया। गुरुवार को भी दिन में धूप खिली रही तो तीन बजे के बाद अचानक मौसम बदला और बारिश शुरू हो गई। शुक्रवार सुबह से ही आसमान साफ था और धूप निकली। जिसके चलते लोगों को उमस और गर्मी महसूस हुई तो देर शाम करीब छह बजे अचानक आसमान में काले घने बादल छा गए। देखते ही देखते चारों ओर अंधेरा छा गया। जिसके बाद तेज हवा चलने शुरू हो गई। हवा चलते ही बिजली गुल हो गई। कुछ देर बाद झमाझम बारिश शुरू हो गई। देर रात तक झमाझम बारिश जारी रही। उधर, बारिश से गन्ने की फसल तो बहुत फायदा पहुंचेगा, लेकिन आंधी से धान की फसल को नुकसान पहुंचने की संभावना बढ़ गई है। किसान रामेंद्र सिंह, हरस्वरूप, दिनेश कुमार, रामौतार सिंह आदि का कहना है कि अब धान पकने की कगार पर है और दाना भी तैयार है। बारिश और आंधी से धान कई जगह ढह भी गया है। इससे कहीं न कहीं उन्हें नुकसान पहुंचेगा।

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