फफूंदी लगी पुआल खाने से तीन पशुओं की मौत

नहटौर क्षेत्र स्थित गांव फलौदी में फफूंदी लगी पुआल के जहरीला हो जाने और चारे के रूप में पशुओं के खाने से तीन पशुओं की मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Nov 2021 10:38 PM (IST) Updated:Wed, 03 Nov 2021 10:38 PM (IST)
फफूंदी लगी पुआल खाने से तीन पशुओं की मौत
फफूंदी लगी पुआल खाने से तीन पशुओं की मौत

बिजनौर, जागरण टीम। नहटौर क्षेत्र स्थित गांव फलौदी में फफूंदी लगी पुआल के जहरीला हो जाने और चारे के रूप में पशुओं के खाने से तीन पशुओं की मौत हो गई। तीनों पशुओं का पोस्टमार्टम के बाद उनके शव दफना दिए गए हैं। सूचना पर पशु चिकित्साधिकारी जांच करने पहुंचे।

गांव फलौदी निवासी पूर्व प्रधान विपिन चौधरी की दो भैंसों की तबियत मंगलवार को खराब हो गई थी। उन्होंने एक प्राइवेट चिकित्सक से उपचार कराया था, लेकिन उपचार के दौरान दोनों भैंसों की मौत हो गई। पशु स्वामी ने इसकी सूचना पशु चिकित्सा अधिकारी डा. अनुराग चौधरी को दी। उन्होंने मंगलवार को गांव पहुंचकर मामले की जांच की। वहीं बुधवार को एक कटिया की हालत खराब होने के बाद उसकी भी मौत हो गई।

पशु चिकित्सा अधिकारी ने टीम के साथ पहुंच कर चारे की जांच की। जिसमें पाया गया कि चारे के रूप में पशुओं को जो पुआल दी गई थी, उसमें फफूंदी लगी थी। पशु चिकित्सा अधिकारी हल्दौर डा. विपिन कुमार ने पशुओं का पोस्टमार्टम किया। जिसके आधार पर डा. अनुराग चौधरी ने बताया कि तीनों पशुओं की मौत फफूंदी लगी पुआल खाने से हुई है। फफूंदी लगी हुई पुआल जहरीली हो जाती है। पोस्टमार्टम के बाद तीनों पशुओं को दफना दिया गया। पशु चिकित्साधिकारी ने पशु पालकों से फफूंदी लगी पुआल अपने पशुओं को न खिलाने की अपील की है। मानदेय को लेकर मीटर रीडर ने दिया ज्ञापन

बिजनौर। मानदेय को लेकर अनेक मीटर रीडर बुधवार को कलक्ट्रेट पहुंचे। जहां उन्होंने अपनी मांगों को लेकर जिलाधिकारी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। मीटर रीडर विपिन कुमार, गौतम कुमार, कपिल कुमार, सोमपाल सिंह, सत्यवीर सिंह, प्रियांक, अमित कुमार, रोहित कुमार, गौरव अमित कुमार आदि ने डीएम को प्रेषित ज्ञापन में कहा कि वह मीटर की रीडिग लेकर बिल बनाने का कार्य करते है। नवंबर 2021 को बिलिग का कार्य नई एजेंसी को दिया गया। जिसने 14 अक्टूबर को सभी मीटर रीडरों का इंटरव्यू मुरादाबाद में लिया। जिसमें वेतन 1800 बिल पर 15000 सीटीसी बताया गया था। लेकिन उन्हें 1800 बिल के हिसाब से छह से सात हजार रुपये ही दिए जा रहे है। मीटर रीडरों ने डीएम से कंपनी द्वारा बताए गए वेतन को दिलवाने की मांग की है।

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