खेती से लेकर आबादी तक मंडराया खतरा

पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर काफी बढ़ चुका है। भीमगोडा हरिद्वार से गंगा में छोड़े जा रहे पानी के कारण यूपी के राजगढ़ से लेकर बैराज तक दर्जनभर से अधिक गांव में बाढ़ का संकट बना हुआ है जहां खेती से लेकर आबादी तक खतरा मंडरा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 05:10 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 05:10 AM (IST)
खेती से लेकर आबादी तक मंडराया खतरा
खेती से लेकर आबादी तक मंडराया खतरा

जेएनएन, बिजनौर। पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर काफी बढ़ चुका है। भीमगोडा हरिद्वार से गंगा में छोड़े जा रहे पानी के कारण यूपी के राजगढ़ से लेकर बैराज तक दर्जनभर से अधिक गांव में बाढ़ का संकट बना हुआ है, जहां खेती से लेकर आबादी तक खतरा मंडरा रहा है।

उत्तराखंड के रंजीत, जीतपुर की ओर बने तटबंध से लेकर नांगलसोती के लगभग चार किमी चौड़े पठार पर गंगा रौद्र रूप में बह रही है। उत्तराखंड के रंजीतपुर, जसपुर स्थाई तटबंध और नांगल गंगा घाट से दो अलग-अलग धारा बह रही हैं। दोनों धारों के मध्य नांगलसोती, शहजादपुर, खानपुर, सराय आलम, दहीरपुर, कोटसराय, हरचंदपुर, ढोलापुरी, मायापुरी, गौसपुर, बालावाली आदि गांवों के किसानों ने अपनी गन्ने की फसल उगा रखी है। उत्तराखंड से गंगा में अधिक मात्रा में पानी छोड़ने की स्थिति में किसानों की फसलें नष्ट हो जाएंगी। सैकड़ों परिवारों पर रोजी-रोटी का संकट गहरा जाएगा। किसान सत्यपाल सिंह, सतीश कुमार, कलवा, हरपाल सिंह, महेंद्र, राजपाल सिंह, शेर सिंह, जयप्रकाश, धर्म सिंह, रोशन सिंह, चतरे सिंह, राजेंद्र सिंह, अवनीश, अरविद शर्मा आदि की सैकड़ों बीघा कृषि भूमि नष्ट हो चुकी है। गुरुवार सुबह भी इन किसानों के खेतों में कटान हुआ है। गौसपुर के किसानों की हर रात जाग कर व दिन गंगा की निगरानी में गुजर रहा है। एसडीएम परमानंद झा ने बताया कि गांव में सुरक्षा की ²ष्टि से बाढ़ चौकी बनाई गई है, जिसमें ग्राम प्रधान अनीता देवी, राजस्व निरीक्षक नरेंद्र सिंह, लेखपाल मेघ सिंह, ललित कुमार, सचिव कुलबीर सिंह व राशन डीलर आदि शामिल हैं। सूचना देने के लिए ग्रामीणों को अपना व तहसीलदार का मोबाइल नंबर दिया हुआ है।

प्रशासन से बचाव के साधन मांगे ग्राम गौसपुर में लगातार कटान जारी है। बचाव के इंतजाम नाकाफी हैं। पिछले दिनों कटान रोकने के लिए रेत-मिट्टी से कट्टे भरकर बल्ली की मदद से मात्र सात अस्थाई स्टड बने थे। ग्रामीणों का कहना है कि अभी और स्टड बनाने से कटान कुछ कम होगा। ग्रामीणों ने प्रशासन से खादर क्षेत्र में नाव और बचाव के साधन देने की मांग की है। खादर में नाव की व्यवस्था नहीं

गंगा खादर क्षेत्र में कई गांव के ग्रामीण खेती करते हैं, लेकिन घाट पर नाव की व्यवस्था नहीं है। शहजादपुर, जीततपुर, खानपुर, नांगल, गौसपुर, सौफतपुर एवं मंडावर क्षेत्र के किसान ट्यूब की मदद से खेतों पर पहुंचते हैं।

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