बेंच नहीं, पूरा हाईकोर्ट लेने का दिया था नारा

साल 1995 में दौर था हरित प्रदेश निर्माण आंदोलन का रालोद के मुखिया होने के नाते चौधरी अजित सिंह जन समर्थन जुटाने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में जनसभाएं सामाजिक संगठनों एवं अन्य संगठनों के पदाधिकारियों से संपर्क की रहे थे। इसी दौरान चौधरी अजित सिंह ने जजी परिसर स्थित बार हाल में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 10:22 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 10:22 AM (IST)
बेंच नहीं, पूरा हाईकोर्ट लेने का दिया था नारा
बेंच नहीं, पूरा हाईकोर्ट लेने का दिया था नारा

जेएनएन, बिजनौर। साल 1995 में दौर था हरित प्रदेश निर्माण आंदोलन का, रालोद के मुखिया होने के नाते चौधरी अजित सिंह जन समर्थन जुटाने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में जनसभाएं, सामाजिक संगठनों एवं अन्य संगठनों के पदाधिकारियों से संपर्क की रहे थे। इसी दौरान चौधरी अजित सिंह ने जजी परिसर स्थित बार हाल में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की। अधिवक्ताओं ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की मांग उठाई तो चौधरी अजित सिंह ने कहा था कि हाईकोर्ट की बेंच नहीं, पूरा प्रदेश लेंगे। प्रदेश बनेगा तो पूरा हाईकोर्ट मिल जायेगा।

रालोद रुहेलखंड क्षेत्र के अध्यक्ष और पूर्व बार अध्यक्ष प्रवीण सिंह देशवाल ने पुरानी यादें ताजा करते हुए कहा कि यूपी का बंटवारा कर पश्चिमी उत्तर के 22 जिलों को मिला कर चौधरी अजित सिंह हरित प्रदेश निर्माण के लिए आंदोलन चला रहे थे। उन्होंने जन समर्थन जुटाने के लिए बिजनौर, मुज्जफरनगर, मेरठ समेत पश्चिमी उत्तर के 22 जिलों में धरना प्रदर्शन, जन सभाएं कराई। बिजनौर जिले में भी उन्होंने रालोद कार्यकर्ताओं को साथ लेकर सामाजिक संगठनों एवं अन्य संगठनों के पदाधिकारियों से संपर्क करने में लगे हुए थे। इसी दौरान वह जिला बार एसोसिएशन बिजनौर के कार्यक्रम में जजी परिसर पहुंचे थे।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान जिला बार एसोसिएशन की ओर से चौधरी अजित सिंह के समक्ष पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित किए जाने का मुद्दा उठाया गया था। उस समय चौधरी साहब ने कहा था कि आप बेंच मांग रहे है, हरित प्रदेश बनने के बाद पूरा हाईकोर्ट मिल जाएगा। उन्होंने वकीलों के आंदोलन को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया था। अधिवक्ताओं ने भी चौधरी अजित सिंह के सहयोग पर खुशी जताई थी। इस दौरान चरत सिंह, मुनिदेव शर्मा, महावीर सिंह, अशोक चौधरी सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद थे।

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