पुतला दहन रोकने को दिनभर दौड़ती रही पुलिस
भाकियू के विरोध के रुप में पुतला फूंकने के एलान के बाद पुलिस दिनभर दौड़ती रही। जगह-जगह पुलिस तैनात रही। वहीं किसान नेताओं को घरों पर नजरबंद किया गया। हालांकि कार्यकर्ताओं की ओर से चेहरा छिपाकर पुतला फूंका गया।
बिजनौर, जेएनएन। भाकियू के विरोध के रुप में पुतला फूंकने के एलान के बाद पुलिस दिनभर दौड़ती रही। जगह-जगह पुलिस तैनात रही। वहीं, किसान नेताओं को घरों पर नजरबंद किया गया। हालांकि कार्यकर्ताओं की ओर से चेहरा छिपाकर पुतला फूंका गया।
भारतीय किसान यूनियन की ओर से किसान विरोधी नीति के चलते प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का पुतला फूंकने का एलान किया गया था। इस एलान के बाद सुबह से पुलिस जगह-जगह सतर्क रही। सीओ सिटी कुलदीप गुप्ता और शहर कोतवाल राधेश्याम दौड़ते रहे। गढ़ी, सलामाबाद व भरैरा समेत कई जगह पुलिस तैनात रही। किसान नेताओं को घर पर नजरबंद कर दिया गया। वहीं, वार्ता कर विरोध प्रदर्शन के लिए रोका गया। थाना क्षेत्रों में पुलिस व पीएसी समेत 1500 पुलिसकर्मी जवान तैनात रहे। जिला मुख्यालय के अलावा नजीबाबाद, चांदपुर, नगीना व धामपुर तहसील क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर किसान पदाधिकारियों व नेताओं को उनके घरों पर ही नजर बंद कर दिया गया। जिसे लेकर किसान नेताओं व कार्यकर्ताओं में खासा रोष रहा। पूतला फूंकने को लेकर एसपी डा. धर्मवीर सिंह, एएसपी सिटी डा. प्रवीण रंजन सिंह, एएसपी देहात राम अर्ज व सभी सीओ अपने अपने सर्किल में गश्त करते रहे और पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया।
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पुलिस दिनभर मुस्तैद रही। किसानों से सौहार्द माहौल में वार्ता हो चुकी थी। किसान नेताओं के घरों पर भी पुलिस ने पहुंचकर पुतला नहीं फूंकने पर सहमति बना ली थी, उनकी मांगों पर सहमति बन चुकी है। जिले में पुतला फूंकने के मामला सामने नहीं आया है। कार्यक्रम शांतिपूर्ण रहा।
डा. धर्मवीर सिंह, एसपी
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