जीर्णोद्धार से बचाया जा सकता है तालाबों का अस्तित्व

ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में तालाब मौजूद हैं लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा इनकी सुध न लेने से इनका अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर है। बहुत से तालाब ऐसे हैं जो सिर्फ अपने जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण की बाट जोह रहे हैं। अगर स्थानीय प्रशासन उन पर ध्यान दें तो उनका अस्तित्व बचाते हुए इसका बड़ा लाभ ग्रामीणों को मिल सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 04:14 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 04:14 AM (IST)
जीर्णोद्धार से बचाया जा सकता है तालाबों का अस्तित्व
जीर्णोद्धार से बचाया जा सकता है तालाबों का अस्तित्व

जेएनएन, बिजनौर। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में तालाब मौजूद हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा इनकी सुध न लेने से इनका अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर है। बहुत से तालाब ऐसे हैं जो सिर्फ अपने जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण की बाट जोह रहे हैं। अगर स्थानीय प्रशासन उन पर ध्यान दें तो उनका अस्तित्व बचाते हुए इसका बड़ा लाभ ग्रामीणों को मिल सकता है।

ऐसा ही एक तालाब ग्राम पंचायत नींदड़ू के गांव मोहम्मद अलीपुर भिक्कन में मौजूद है। करीब एक दशक पहले तक यह तालाब अपने पूर्ण अस्तित्व में था और ग्रामीणों व आसपास के पशुपालकों को इसका पूरा लाभ मिलता था। ग्रामीणों के मुताबिक वर्ष 2012-13 में इस तालाब का सुंदरीकरण हुआ था। करीब दो लाख की लागत से इसके चारों ओर तारबंदी, दीवार बनाकर गेट लगाने और पशुओं के उतरने के लिए पटरी बनाई गई थी। उस समय तक आसपास के पशु पालक यहां अपने पशुओं को चराने आते थे और पशुओं को नहलाने के अलावा इस तालाब के पानी से आसपास के ग्रामीण खेतों में सिचाई भी करते थे। लेकिन पिछले कुछ सालों से यह तालाब बदहाल अवस्था में पहुंच चुका है। असामाजिक तत्वों द्वारा गेट और तारबंदी आदि तोड़ दी गई है। साथ ही यह तालाब पूरी तरह सूख चुका है। जीर्णोद्धार की बाट जोह रहा तालाब

गांव में मौजूद यह तालाब जीर्णोद्धार की बाट जो रहा है। यदि सरकारी तंत्र इस ओर ध्यान दें तो इसका जीर्णोद्धार किया जा सकता है और फिर से एक दशक पहले जैसा बन कर यह तालाब ग्रामीणों को बड़ा लाभ पहुंचा सकता है। तालाब से पशु और पक्षी अपनी प्यास बुझाते थे आज यह तालाब पूरी तरह सूख चुका है। डेढ़ बीघा में मौजूद है तालाब

करीब डेढ़ बीघा में मौजूद इस तालाब का तत्कालीन ग्राम प्रधान महिपाल सिंह व सचिव मोहम्मद इरफान ने सुंदरी करण कराया था। लेकिन देखरेख के अभाव में और पानी ना होने के कारण तालाब सूख गया है। ग्रामीण सलीम अहमद, इरफान, इंतजार खान, सुनील चौहान, अरविद सिंह आदि का कहना है कि यदि प्रशासन इस तालाब पर ध्यान नहीं देगा तो अन्य तालाबों की तरह यह भी अतिक्रमण और अवैध कब्जे का शिकार हो जाएगा। कई बार ग्रामीण इस बारे में शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हो सका है। इनका कहना है-

समय-समय पर ऐसे तालाबों का सुंदरीकरण कराया जाता है। इस तालाब के बारे में भी संबंधित अधिकारियों को सूचित करके जीर्णोद्धार का प्रयास कराया जाएगा।

धीरेंद्र सिंह, एसडीएम, धामपुर

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