घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन ने नहीं किए इंतजाम
18 जुलाई 2017 को पूर्वी गंगनहर बाईपास मार्ग पर एक दर्दनाक हादसा पेश आया था। बरेली से हरिद्वार जा रही शिवभक्तों की ट्रैक्टर-ट्राली नहर में गिर गई थी।
बिजनौर, जेएनएन: 18 जुलाई 2017 को पूर्वी गंगनहर बाईपास मार्ग पर एक दर्दनाक हादसा पेश आया था। बरेली से हरिद्वार जा रही शिवभक्तों की ट्रैक्टर-ट्राली नहर में गिर गई थी। हादसे में दो शिवभक्तों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो शिवभक्त लापता हो गए थे। बाद में उनके भी शव बरामद हुए थे। नहर से आठ शिवभक्तों को निकालकर समीपुर अस्पताल में भर्ती कराया था। 38 शिवभक्तों से भरी ट्रैक्टर-ट्राली नहर में गिरने से प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के चेहरों से हवाइयां उड़ गई थीं।
इससे पहले वर्ष 2012 को नहर में कार गिरने से किसान महेंद्र सिंह के परिवार के छह सदस्य काल के गाल में समा गए थे। दोनों ही घटनाओं में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने खौफनाक मंजर देखा था, लेकिन इसकी पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए। इससे पहले नहर के नीचे गुजरने वाली मालन नदी में गिरने से कई वाहन चालकों की मौत हो चुकी है। सेना का एक वाहन भी बाइपास के किनारे गहरे गड्ढे में पलट गया था। संयोग से वाहन नहर से दूसरी ओर पलटा था। हालांकि कई जवानों को चोटें आईं थीं, लेकिन बड़ा हादसा टल गया था। करीब ढाई महीने पहले सीमेंट से भरा ट्रक और डेढ़ महीना पहले सेब से भरा ट्रक नहर में गिरा था। एक के बाद एक कई घटनाएं हुईं, लेकिन किसी ने इनसे सबक लेना गंवारा नहीं किया है।
- कदम कदम पर मंडराता है खतरा
पूर्वी गंगनहर बाईपास मार्ग पर वाहनों की सीमित गति से संबंधित न तो संकेतक लगे हैं और न ही दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। कई जगहों पर नहर सड़क से बिल्कुल सटकर बहती है, तो कहीं काफी गहरे गड्ढे हैं। ऐसी विकट स्थिति को प्रदर्शित करते संकेतक भी नहीं लगे हैं और कई आवश्यक जगहों पर स्पीड ब्रेकर भी नहीं बने हैं।
-इनका कहना है
मुरादाबाद से पीएसी के 13 जवान गोताखोर और एक स्टीमर लगाकर नहर को खंगाला जा रहा है। नहर में पानी भी कम हो रहा है। नहर पटरी मार्ग से सुरक्षित आवागमन के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया जाएगा।
-प्रवीण कुमार सिंह, सीओ नजीबाबाद